नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रशांत सागर क्षेत्र में स्थित समोआ में राजनीति उथल-पुथल चल रही है। यहां एक ऐसी घटना घटित हुई जो सबको हैरान करने वाली है। अभी हाल ही में चुनाव के बाद समोओ में पहली बार महिला प्रधानमंत्री को संसद के गार्डन में टेंट लगाकर पद की शपथ लेनी पड़ी है, वहज है कि वहां की विपक्षी पार्टी, जिसने सत्ता से हटने से इनकार कर दिया और संसद में ही ताला लगा दिया गया। हालात इतने खराब हो गए हैं कि देश की मुखिया चुनी गई नाओमी मताफा को संसद के बाहर बैठना पड़ा। इसके बाद से ही देश में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है।
क्या है पूरा मामला:
समोआ में 40 सालों से शान कर रही ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन पार्टी को मताफा की फास्ट पार्टी ने अप्रैल में हुए चुनाव में सत्ता से बेदखल कर दिया था और इसके बाद जब वे सोमवार को पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंची, तो उन्हें संसद के अंदर नहीं जाने दिया गया, क्योंकि वर्तमान सत्ताधारी दल ने गेट पर ताला लगा दिया था। हालांकि, इस विरोध के बाद भी मताफा ने अपने मंत्रियों के साथ बाहर टेंट में शपथ ली थी। इधर, मैलेगाओई इस समारोह को मानने को तैयान नहीं हैं।
दोनों पार्टियों ने 25-25 सीटें जीतीं
मैलिलेगाओई की ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन पार्टी (एचआरपीपी) करीब चार दशक बाद सत्ता से बाहर हुई है और उन्हें मात दी है मताफा की फास्ट पार्टी ने। दोनों पार्टियों ने 25-25 सीटें जीतीं, लेकिन एक निर्दलीय सांसद ने अलग होकर फास्ट पार्टी का समर्थन कर दिया। एचआरपीपी ने इसे लेकर कानूनी दाँव-पेंच अपनाया। पार्टी ने दावा किया कि उसके विरोधियों ने महिला सांसदों के कोटे का सही तरह से पालन नहीं किया है। समोआ के चुनाव आयोग ने अप्रैल के मतदान के नतीजों को रद्द कर दिया और 21 मई को नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश दिया।
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