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मोबाइल अल्ट्रासाउंड मशीन व नकदी बरामद
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एक आरोपी दो माह पहले ही आया था जमानत पर
सच कहूँ/विजय कौशिक, नारनौल। स्वास्थ्य विभाग की टीम व जिला पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमार कार्यवाही करते हुए भ्रूण लिंग जांच करने के आरोप में दो लोगों से मोबाइल अल्ट्रासाउंड मशीन व नकदी बरामद की है। पुलिस ने इनके खिलाफ संंबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। एक आरोपी दो माह पहले ही जमानत पर बाहर आया था।
जिला समुचित प्राधिकरण के चैयरमैन कम सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार को एक गुप्त सूचना मिली कि नारनौल व राजस्थान की सीमा के आसपास भ्रूण लिंग जांच का गिरोह सक्रिय है। इस पर कार्यवाही करते हुए उप सिविल सर्जन डा. अरुण कालड़ा, उप सिविल सर्जन डा. हर्ष चौहान, जिला औषधि नियंत्रक हेमन्त ग्रोवर व संजीव सहायक की टीम गठित की। टीम की सहायता के लिए पुलिस टीम साथ ली। टीम द्वारा एक गर्भवती महिला को छदम ग्राहक बनाकर भ्रूण लिंग जांच के लिए गिरोह के सदस्य से संपर्क किया। 25 हजार रुपए में भ्रूण लिंग जांच के लिए डील हुई।
शाम को भ्रूण लिंग जांच के लिए रेवाडी रोड नीरपुर गांव में पेट्रोल पंप के पास बुलाया। वहां से उमेश निवासी शाहपुर दोयम गाड़ी में केवल गर्भवती महिला को भ्रूण लिंग जांच के लिए मंडाना रोड पर ले गया। वहां राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर एक खेत में भ्रूण लिंग जांच करके गर्भ में लड़का होना बताया। आधे घंटे बाद जब भ्रूण लिंग जांच के बाद उमेश वापस छोड़ने आया तो उसे नीरपुर चोक के पास रेडिंग टीम ने पकड़ लिया।
उसके पास मौके से 10 हजार रुपए, जो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिए थे, बरामद हुए। उससे पूछताछ पर बताया कि डेकोय महिला की भ्रूण लिंग जांच जितेंद्र निवासी निहालपुरा ने की है, जिस पर टीम द्वारा उमेश को साथ ले जाकर मौके से जितेंद्र निवासी निहालपुरा को पकड़ा। उसके कब्जे से टीम द्वारा दिए 15 हजार रुपए व मोबाइल अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद की। बता दें कि जितेंद्र को महेन्द्रगढ़ पीएडीटी टीम द्वारा 2018 में निहालपुरा में व पिछले साल अगस्त में भूंगारका की रेड में पकड़ा था। अभी 2 महीने पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। इसके अलावा टीम द्वारा खेत के मालिक शीशराम के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई है।
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