करेले की खेती – Karela Ki Kheti Kaise Kare
हमारे देश में करेला की खेती (Karela Ki Kheti) काफी समय से होती आ रही है। इसका ग्रीष्मकालीन सब्जियों में महत्वपूर्ण स्थान है। पौष्टिकता एवं अपने औषधीय गुणों के कारण यह काफी लोकप्रिय है । आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के अनुसार मधुमेह के रोगियों के लिये कर...
Away From the Root : कहानी: जड़ से दूर
एक गहरी आत्मीयता के साथ वे सबको अपने हाथ से चने के पौधे उखाड़-उखाड़कर देते रहे थे, लेकिन आज यह अचानक कैसा परिवर्तन आ गया।
कहानी : सलाह यह या वह
एक धनी व्यक्ति का बटुआ बाजार में गिर गया। उसे घर पहुंच कर इस बात का पता चला। बटुए में जरूरी कागजों के अलावा कई हजार रुपये भी थे। फौरन ही वो मंदिर गया और प्रार्थना करने लगा कि बटुआ मिलने पर प्रसाद चढ़ाऊंगा, गरीबों को भोजन कराउंगा आदि। संयोग से वो बटुआ ...
Father: पिता
शाह ने खाना पहुँचाने वाले सैनिक से औरंगजेब को अनेकों बार खबर भिजवाई कि वह उससे मिलना चाहता है, पर औरंगजेब एक बार भी मिलने नहीं आया। अब शाह का कलेजा जलता रहता था।
तुम कब आओगे तुम कब आओगे ….. Saint Dr Gurmeet Ram Rahim ji
- कविता -
तुम कब आओगे
तुम कब आओगे ,
तुम्हारी राह में ,
पलके बिछाए बैठे हैं ।
दिल की हर बात ,
दिल में छुपाए बैठे हैं ।
अपनी मीठी - मीठी बातों से ,
तुम कब हंस आओगे ।
बताओ ना जरा ,
तुम कब आओगे ।।
तुम्हारे पास होने से ,
हर दर्द की ...
मैं भी सिपाही
दादा जी इस कोरोना काल में तो हमने कोई भी देश के सिपाही की तरह काम नहीं किया और दूसरी तरफ हमारी सेना बॉर्डर पर दिन रात हमारे लिए काम करती है।14 साल के राहुल ने बड़ी मासूमियत से यह सवाल अपने दादा जी से पूछा। राहुल के दादा जी ने बड़ी ही समझदारी से राहुल क...
Viral news फ्लाइट में छूट गई थी बच्ची की ‘जान’, पायलट ने वापिस भरी 6 हजार मील की उड़ान
फ्लाइट में भूली बच्ची डॉल, प्लेन के पायलट का सामने आया अहम रोल! viral news
Video Pilot Returns Little Girl Lost Doll: खिलौने बच्चों की जान होते हैं, इसलिए ज्यादातर बच्चे खिलौनों से खेलते नजर आते हैं। ये बच्चों को इतने पसंद आते हैं कि हर वक्त लड़कियां...
संत सदा सच बोलते सच्चे करते काम
संत सदा सच बोलते सच्चे करते काम।
परहित पर कल्याण में, जीवन पर्यंत तमाम।
जीवन पर्यंत तमाम लिखा है धर्म जिन्होंने।
गीता में है सार बताया कर्म जिन्होंने।
झूठ-फनाह हर चीज, सब कुछ होना अन्त।
राम-नाम सच ओम है, सदा बताते सन्त।।
संजय बघियाड़
अन्य ...
मुसाफिर हूँ यारों
लगातार मजदूरों के पलायन की बातें सुन सुनकर और टीवी, व्हाट्सएप जैसे बहुत से माध्यमों के द्वारा बड़ी ही दुखदाई फोटो देख-देख कर मन बहुत ज्यादा व्यथित हो रहा था। सोच रहा था क्यों ना कुछ मजदूरों के पास जाकर उनकी स्थिति को जाना जाए। मन के कोतुहल को मिटाने क...
गजल : ग़रीबों को फ़क़त, उपदेश की घुट्टी पिलाते हो
गरीबों को फ़क़त, उपदेश की घुट्टी पिलाते हो
बड़े आराम से तुम, चैन की बंसी बजाते हो
है मुश्किल दौर, सूखी रोटियाँ भी दूर हैं हमसे
मज़े से तुम कभी काजू, कभी किशमिश चबाते हो
नज़र आती नहीं, मुफ़लिस की आँखों में तो ख़ुशहाली
कहाँ तुम रात-दिन, झूठे उन्हें स...