उठो लाल अब आंखें खोलो
उठो लाल अब आंखें खोलो
पानी लाई हूं, मुंह धो लो
बीती रात कमल दल फूले
उनके ऊपर भंवरे झूले
चिड़ियां चहक उठी पेड़ों पर
बहने लगी हवा अति सुंदर
नभ में न्यारी लाली छाई
धरती ने प्यारी छवि पाई
भोर हुई सूरज उग आया
जल में पड़ी सुनहरी छाया
नन्ही...
तुझे बाहों में भरने की हट लिए, बैठे हैं करोड़ों जिद्दी दिल | Saint dr Msg
दो जहां में तुझसा हुश्न नहीं है।
तेरी महफिल जैसा, जश्न नहीं है।
तू ही तो मेरी मंजिले, मकसूद है।
तुझसे अलग हमारा कोई मिशन नहीं है।
ये बहारें खिलती हैं तुम्हारी मुस्कुराहटों से।
करोड़ों हार्टबीट बढ़ जाती है कदमों की आहटों से।
तुझे बाहों में भ...
हिसाब बराबर
Sahitya: दादाजी, पापा और मानी बाजार गए। मानी बोली, ‘‘पापा। भूख लगी है।’’
पापा बोले-‘‘घर जाकर खाना खाएँगे।’’
उसने पूछा, ‘‘घर कब जाएँगे?’’
दादा हँसे। बोले, ‘‘अभी तो आए हैं।’’
मानी उदास हो गई। बोली, ‘‘तेज भूख लगी है।’’
पापा समझाने लगे, ‘‘बाजार का न...
बाल कथा : संतोष
चाणक्य मगध देश के राजा चन्द्रगुप्त के मंत्री थे। वे बुद्धिमान, तपस्वी और राजनीतिज्ञ थे। चाणक्य मंत्री होते हुए भी बहुत साधारण जीवन व्यतीत करते थे और शहर से बाहर एक झोंपड़ी में रहते थे। एक बार राजा चन्द्रगुप्त ने मंत्री चाणक्य को कुछ कंबल दिए और कहा-इन...
‘Empowerment’ : ‘सशक्तीकरण’
सारा देश महिला सशक्तीकरण की राह पर दौड़ा चला जा रहा है और बेचारे पुरुषों की सुध लेने की कोई जरूरत ही महसूस नहीं करता। पुरुष सशक्तीकरण की आवश्यकता बताता व्यंग्य। संडे की सुबह, अभी बिस्तर में ही था कि घंटी बज उठी। ‘कौन होगा इतनी सुबह?’ मन में सोचा। घड़ी ...
खाली बैठे बच्चे घर पर बनाये मजेदार चीजें
हमारे द्वारा बताए गए तरीकों को अपनाकर बन जाए आप भी क्रिएटिव।
हाथ से बना कांटेदार जंगली चूहा
सामग्री
हाथ का डिजाइन
ब्राउन रंग का कागज
बेज रंग का पेंट
पेंसिल
काला मार्कर
कैंची
पेंट ब्रश
बनाने का तरीका:
ब्राउ...
बाल कविता : नये युग का बालक
घिसे-पिटे परियों के किस्से नहीं सुनूँगा,
खुली आँख से झूठे सपने नहीं बुनूँगा।
मुझे पता चंदा की धरती पथरीली है,
इसलिए धब्बों की छाया भी नीली है।
चरखा कात रही है नानी मत बतलाओ,
पढ़े-लिखे बच्चों को ऐसे मत झुठलाओ।
इन्द्रधनुष के रंग इन्द्र ने नह...
मन की बुराई का दहन है जरूरी
आज समाज में चहुँ ओर हिंसा, अराजकता व झूठ का बोलबाला है। प्रत्येक वर्ष विजयदशमी के पर्व पर कागज के पुतले फूंक कर बुराई की इति श्री के मिथ्या भ्रम में ही उलझे रहते हैं और अपने अन्दर छिपी बुराइयों को नजरंदाज कर देते हैं क समाज की प्रत्येक इकाई से गिर रह...
लघुकथा : कैदी
नन्हा बिट्टू दादा जी के साथ बाजार गया हुआ था। बाजार से आते-आते दादा जी ने सोचा-चलो मदिंर में भगवान के दर्शन कर आएं। वे मंदिर पहुंचे। मंदिर में ताले लगे हुए थे। दादा जी ने घड़ी की ओर देखा। दोपहर के 12 बज रहे थे। वे निराश भाव से बढ़ चले।
बिट्टू ने पूछा,...
Intelligent Puppy: मूर्ख भेड़िया और समझदार पिल्ला
Intelligent Puppy: एक बार की बात है कि एक कुत्ते का पिल्ला अपने मालिक के घर के बाहर धूप में सोया पड़ा था। मालिक का घर जंगल के किनारे पर था। अत: वहां भेड़िया, गीदड़ और लकड़बग्घे जैसे चालाक जानवर आते रहते थे। यह बात उस नन्हे पिल्ले को मालूम नहीं थी। उसका म...