पिकनिक बच्चों को प्यारी
पिकनिक बच्चों को प्यारी
पापा मानों बात हमारी,
पिकनिक की कर लो तैयारी।
बोर हो गये पढ़ते-पढ़ते,
ढ़ोते बस्ता भारी-भारी।।
आफिस का मत करो बहाना,
कल संडे छुट्टी सरकारी।
मम्मी तुम भी अभी बना लो,
खाने-पीने की चीजें सारी।
लेटेंगे हम नरम घास पर,
छुपम-छु...
काला रंग
फिर क्या हुआ मैं काला हूं?
बाकी रंगों से खुशनसीब वाला हूं!
काले रंग के बोर्ड पर सफेद अक्षर को बिखेरने वाला हूं,
कल तुम्हारा भविष्य में ही निहारने वाला हूं!
फिर क्या हुआ मैं काला हूं बाकी रंगों से अधिक खुश नसीब वाला हूं!
तुम्हारी फसलों को मैं बचा...
कलयुग के भगवान
गुप्ता जी काफी समय से लॉकडाउन के कारण अपनी दुकान नहीं खोल पा रहे थे। लेकिन वह इस बात से खुश था कि लॉकडाउन के समय को उन्होंने और उनके परिवार ने बड़े अच्छी तरीके से निभाया। कोरोना से लड़ने के लिए पुलिसवालों और सभी सफाई कर्मचारी एवं डॉक्टर और नर्सिंग स्टा...
मौन का महत्त्व
एक व्यक्ति, कोई जिज्ञासु, एक दिन आया। उसका नाम मौलुंकपुत्र था, एक बड़ा ब्राह्मण विद्वान पाँच सौ शिष्यों के साथ बुद्ध के पास आया था। निश्चित ही उसके पास बहुत सारे प्रश्न थे। एक बड़े विद्वान के पास ढेर सारे प्रश्न होते ही हैं, समस्याएँ ही समस्याएँ। बुद्ध...
दोस्त का जवाब
बहुत समय पहले की बात है, दो दोस्त बीहड़ इलाकों से होकर शहर जा रहे थे । गर्मी बहुत अधिक होने के कारण वो बीच-बीच में रुकते और आराम करते। उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की भी कुछ चीजें रखी हुई थीं। जब दोपहर में उन्हें भूख लगी तो दोनों ने एक जगह बैठकर खाने क...
कविता
इन्तजार तस्वीरों ने संजोयी है , बहुत सी आवाजे अपने अंदर,
लेकिन हकीकत ने आज मौन का कफन ओढ़ रखा है।
आंगन जो लीपा जाता था, प्यार की मिट्टी से कभी,
झूठे, दिखावटी संगमरमर के पत्थरों से ढ़क रखा है।
शाम की चाय की भीनी खुशबू आज भी वैसी ही है,
लेकिन अब सगे...
धर्म का कांटा : Scale of Religion
धर्म का कांटा: सुबह का उजाला सुरभि के मन में बहुत सा स्नेह, सम्मान, अपनापन ले कर आया। वह फ्रैश होकर बैठी ही थी कि आलोक भी उठ गया। आलोक उस के कंधे का सहारा लेकर बाथरूम तक गया।
समझदार बंदर
बच्चों बहुत पुरानी बात है। मोहक वन नमक एक जंगल में एक नदी थी। वहीं किनारे एक जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था। जामुन के उस पेड़ पर बहुत ही मीठे जामुन लगते थे। नदी में एक मगरमच्छ भी रहता था। एक दिन मगरमच्छ खाना तलाशते हुए पेड़ के पास आया। उसे देख बन्दर ...
कोरोना को हराना है
चाहे छाये हर और सूनापन, मिलना हो जाये एक दूजे से कम।
कितना भी मन घबराए,चाहे कितनी भी दहशत बढ़ती जाए।
करना है एक ही प्रण,किसी भी तरह कोरोना को हराया जाए।*
व्यवसाय कैसे चल पाएंगे और अब कैसे बच्चे पढ़ पाएंगे।
चाहे कितनी भी विपदाएं आये,घर मे मन कितना ...
कोरोना का कहर
कोरोना के कहर से कांप उठा संसार।अब भी संभल जाओ दुनिया के लोगो,
वर्ना चारो और मच जाएगा हाहाकार।।
देशभक्ति की बाते करते-करते जो कभी नही थकते।
वही किसी के समझाने पर अपने घर क्यों नही रुकते।।
प्रशासन को सख्ती करने पर क्यों करते हो मजबूर।
कुछ दिन की ...