सत्संग में अमृत वर्षा कर उच्च वचन फरमाए | saint ram rahim
सत्संग में अमृत वर्षा कर उच्च वचन फरमाए
पूज्य गुरु जी ने बहुत से घरेलू उपचार सुझाए-
पूज्य पिताजी ने आखों,बालो आदि के उपचार की घरेलू टिप्स से कराया ज्ञान
आँख के किसी रोग या कुछ गिर जाने पर पानी से सादा उपचार करने की विधि पर दिलाया ध्यान।
पूज्य ग...
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैं…
प्यासी रूहें.. पुकार रही हैं, पिया मेरे कब आओगे|
दर्शन की ये प्यास ओ रब्बा, आकर तुम्हीं बुझाओगे|
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैं|
ईद दिवाली साथ मनेगी, आस लगाए बैठे हैं|
पतझड़ के इस मौसम में कब बहारें लाओगे??
प्यासी रूहें.. पुकार...
Green Jobs: ग्रीन जॉब्स, कुदरत बचाओ, करियर बनाओ
पर्यावरण सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। कुदरत को बचाने की इस मुहिम के परिणामस्वरूप ग्रीन जॉब्स का एक बड़ा मार्केट खड़ा हो रहा है, जहां पे-पैकेज भी अच्छा है। आज हम पूरी तरह से Green Jobs Meaning और इससे संबंधित विश्वविद्यालयों के...
लघु कथा आंटा-सांटा
Give and Take:- ‘‘पहले बेटे का रिश्ता...? तेरी इस जिद के कारण ही मेरी बेटी के आये अनेक अच्छे रिश्ते हाथ से निकल गए। अब भी समय है मान जा-कहीं ऐसा न हो कि बेटे की पहल तुझ पर भारी पड़ जाये और बिटिया ऐसे ही तेरी बेवकूफी की भेंट चढ़ जाये।’’
तुम अच्छे से ज...
अब खुद तैयार करें अपनी बिजली
नई दिल्ली। जरा सोचिए, यदि आपके घर, दफ्तर, दुकान, संस्थान आदि में बिजली ना हो तो क्या आप कोई काम कर पाएंगे, नहीं ना। और वही बिजली आपको कम दामों में मिलने लगे तो आप क्या कहेंगे। यह सच है कि किसी भी देश के विकास को रफ्तार बिजली ही प्रदान करती है। एक अनु...
कहानी : वीरता पुरस्कार
फौजी संतराम के घर से पत्र आया था। एक पत्र ही तो है जो दूर देश की सीमा पर डटे प्रहरियों को उनके घर वालों से जोड़े रखता है। ये पत्र जब खुलते हैं तब कभी फौजियों के चेहरे खुशी से चमक उठते हैं, कभी दुख में डूब जाते हैं।
फौजी संतराम को अक्सर उसकी पत्नी और ...
कबीर दास जी के दोहे
निंदक नियरे राखिए, आँगन कुटी छवाय,
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
माला फेरत जु...
एक झूठी दिलासा
Jhuthi Dilasa Story: टोनी के पापा चले गए इस संसार से जब तीन साल का था टोनी। ‘‘सबके पापा हैं। मेरे पापा कहाँ हैं। आते नहीं हैं। रामू के पापा तो चले गए थे वो तो आ गए। मिठाइयाँ लाए थे। टॉफियाँ लाए थे। मेरे पापा पता नहीं कब आयेंगे। आयेंगे तो खूब बात करूँ...
तेरे खत के दीवाने शहर में लाखों हैं ….चिट्ठी आई है
एक चिट्ठी किसी एक शहर से चली और पते पर पहुंचते ही सबको पता चल गया चिट्ठी आई है। अल्फाजों की कशिश,शब्दों की मोहब्बत,अक्षरों के आकर्षण का क्या कहना? बिना मजबून भापे ही भगदड़ मच गई ये जानने के लिए मेरे लिए क्या लिखा है? मुझसे क्या कहा? कैसे हैं? कब आएंग...
बड़ा कौन
एक गुरु अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। अचानक एक शिष्य ने सख्त चट्टान को देखकर उनसे प्रश्न किया, ‘‘क्या इससे भी कठोर कुछ हो सकता है?’’ गुरु ने उत्तर नहीं दिया बल्कि यही प्रश्न शिष्य मंडली से पूछने लगे।
एक ने कहा, ‘‘लोहा चट्टान से भी कठोर है, जो ...