एलएसी पर कोई बदलाव मंजूर नहीं : जनरल रावत
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की 8वें दौर की हुई बैठक
नई दिल्ली। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की आठवें दौर की बातचीत के बीच चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने दो टूक शब्दों में रूख स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा में किसी...
अमेरिका में किसको मिलेगी जीत? ताजा सर्वे में ट्रंप से आगे हुए बिडेन
अमेरिका में राष्टपति चुनाव आज
वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका में राष्टÑपति चुनाव के लिए आज मतदान होगा। कोरोना का प्रकोप अमेरिका में सबसे ज्यादा है। वहीं अमेरिका के राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव से पहले ही जीत की घोषणा कर दी। पिछले बार की तरह कई सर्वे...
कहानी : दादी मां : Grandmother
राखी से दो दिन पहले ही वजीरचन्द अपनी बहन और जीजा को मनाकर घर ले आया और विदा करते समय कपड़े, मिठाइयां, रुपये इत्यादि देकर उन्हें खुशी-खुशी विदा किया।
Farmer’s clock: किसान की घड़ी
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा, और जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी। किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा, ‘ बेटा, कहाँ थी ये घड़ी, और जहां हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?’
खूब लड़ी मर्दानी…
साल 1858 में जून का 17वां दिन था जब खूब लड़ी मदार्नी, अपनी मातृभूमि के लिए जान देने से भी पीछे नहीं हटी।(Jhansi ki Rani)
‘‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’’ अदम्य साहस के साथ बोला गया यह वाक्य अब तक हमारे कानों में गूंज रहा है। सोने की चिड़िया कहे जाने वाले...
कहानी: शिव ने अपने सपनों को लगाए पंख
शिव के माता-पिता उसके स्कूल के शिक्षक के गये एवं उनसे बात करते हैं कि शिव पहले बहुत पढ़ाई करता था लेकिन अब उसका ध्यान ना तो पढ़ाई में और ना ही किसी अन्य कार्यों में लगता है।
Short Story: लघु कथा : वरदान
विचित्र है जीवन के रंग, कब वरदान अभिशाप बन जाए और अभिशाप वरदान, नहीं कहा जा सकता। कुछ महीने पहले एक परिचित की मृत्यु हुई, रात दिन शराब के नशे में धुत रहते थे, अच्छी भली नौकरी थी मगर काम पर नहीं जाते थे, जाते थे तो करने की हालत में ही नहीं होते थे, नश...
Life Success: कविता : जीवन की सफलता…
है जिन्दगी रेगिस्तान की माफिक,
मृगतृष्णा-सी सारे वादें हैं।
सच्चे रिश्ते हैं क्षण-भंगुर,
सबकुछ यहां छलावा है।।...
मुखौटे के पीछे आदम,
सच तो जैसे इक सपना है।
अजनबी-से चेहरे सारे,
कौन यहां पर अपना है?...
कठपुतली के मानिंद हैं सब,
किसकी चलती मर...
Away From the Root : कहानी: जड़ से दूर
एक गहरी आत्मीयता के साथ वे सबको अपने हाथ से चने के पौधे उखाड़-उखाड़कर देते रहे थे, लेकिन आज यह अचानक कैसा परिवर्तन आ गया।
लघुकथा: आभार
हर की पैड़ी पर निरंतर बढ़ती भीड़ को देखते हुए भवगीत का ध्यान चौड़े पाट की ओर गंगा-स्नान करते भक्त पर गया तो वह भी उधर ही जा पहुंचा और घाट पर लगे एंगल को पकड़कर ज्यों ही गोता लगाने को हुआ ही कि उसके पाँव उखड़ गए। बस, फिर क्या था, बरबस ही जीवन-मृत्यु के बीच ...