Green Jobs: ग्रीन जॉब्स, कुदरत बचाओ, करियर बनाओ
पर्यावरण सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। कुदरत को बचाने की इस मुहिम के परिणामस्वरूप ग्रीन जॉब्स का एक बड़ा मार्केट खड़ा हो रहा है, जहां पे-पैकेज भी अच्छा है। आज हम पूरी तरह से Green Jobs Meaning और इससे संबंधित विश्वविद्यालयों के...
कम खर्च में धान की बेहत्तर पैदावार
आठ साल से किसानों को जागरूक कर रहे राजपाल सिंह
निसिंग (सच कहूँ न्यूज)। आधुनिक कृषि पद्धति के तहत डीएसआर विधि से धान की खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों में गांव बस्तली निवासी चौ. राजपाल सिंह का नाम पहले स्थान पर आता है जो बीते आठ वर्षों से डीएसआर वि...
संगत का असर
एक बार एक बौद्ध भिक्षु भिक्षा लेने एक नगर में गया हुआ था। और सारे नगर के लोग उसकी सेवा करना चाहते थे क्योंकि उस समय बौद्ध भिक्षुओं का बहुत सम्मान था। इसलिये जिसे भी पता चला दौड़ा-दौड़ा उस भिक्षु के पास पहुँचा। उन्हीं में से एक वेश्या भी थी जिसने उस भिक...
पावन अवतार माह में मानवता की सेवा करें: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी धाम सरसा में आयोजित बुधवार को शाम की रूहानी मजलिस के दौरान फरमाया कि जैसा आपको पता है कि ये महीना शाह मस्ताना जी महाराज का पाक-पवित्र अवतार महीना है। साध-संगत इसे पूरी दुनिया में...
धरती के ऊपर आकाश हैं तो आखिर आकाश के ऊपर क्या हैं? यहां पढ़ें इसका जवाब
Space: रात में जब हम तारों की छाव में लौटते हैं तो अक्सर हमारे मन में ये ख्याल आता है कि आखिर अंतरिक्ष में आकाश के ऊपर क्या हैं? लेकिन ये सिर्फ सवाल ही बनकर रह जाता हैं हमें इसका उत्तर नहीं मिल पाता, तो चलिए हम आपको इसका उत्तर देते हैं।
दरअसल जब भ...
वोटकटवा की अमर कहानी
हठी राजा विक्रम पेड़ के पास लौट आया और पेड़ से लाश उतारकर हमेशा की तरह कन्धे पर डालकर चुपचाप श्मशान की ओर चलने लगा। तब लाश में घुसे हुए बैताल ने कहा, ‘राजन, तुम यह बेकार का श्रम कर रहे हो, इससे तुम्हें कोई फायदा होने वाला नहीं है, जैसा कि एक नेताजी को ...
सोने का खेत : अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर के महल में कई कीमती सजावट की वस्तुएं थीं, लेकिन एक गुलदस्ते से अकबर को खास लगाव था। इस गुलदस्ते को अकबर हमेशा अपनी पलंग के पास रखवाते थे। एक दिन अचानक महाराज अकबर का कमरा साफ करते हुए उनके सेवक से वह गुलदस्ता टूट गया। सेवक ने घबराकर उस गुलदस्ते ...
संघर्ष भरे जीवन की अजीब दास्तां
‘‘भविष्य की तो कौन जानता है, पर किशोरवय की चंचलता के कारण उन्हें कई बार मां की ही नहीं, पिता की भी डांट खानी पड़ती। मां-पिता भविष्य देखते थे और वे किशोरियां वर्तमान, जिसमें भरे होते सपने-ही-सपने। असत्य तो उन सपनों के बीच समाता ही न था। हर लड़का राजा, ह...
नानाजी का उपहार
सुबह की गाड़ी से जौनी के नानाजी आने वाले थे। जौनी अपने पापा के साथ नानाजी को लेने स्टेशन गया। गाड़ी ठीक समय पर आ पहुंची। जौनी और उस के पापा, नानाजी को ढूंढने लगे। तभी जौनी को दूर फर्स्ट क्लास के डिब्बे के दरवाजे पर नानाजी खड़े दिखाई दिए। नानाजी, नानाजी,...
India is my country: भारत देश मेरा…
मेरी भारत माता मानवता की महान भूमि है
पहली बार सभ्यता को अपनी उपस्थिति मिली