टैलेंट नहीं, फिर भी राजा करते थे कप्तानी
25 जून 1932 को हुआ था भारतीय क्रिकेट का ‘जन्मदिन’
भारत क्रिकेट की महाशक्ति है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया के पूरे क्रिकेट तंत्र को अपने इशारों पर नचाने की हैसियत रखता है। एक नहीं, दो-दो विश्वकप भारत के हक में हैं, जबकि आईसीसी चैम्पियन्स ...
कहानी : काव्या
सुलभ के साथ हम कमरे में बैठकर चाय की चुस्कियां ले रहे थे। शाम के पांच बज रहे थे। कमरे में दीवार पर टंगी घड़ी टिक-टिककर अपने मंजिल की तरफ बढ़ रहीं थी। शैलजा भाभी ने चाय और नाश्ता बनाकर टेबल पर रख दिया था। हम दोनों अपनी बातों में मशगूल थे। विदेश में रहने...
असफलता से घबराएं नहीं
कई बार देखा गया है किसी एक कार्य में असफलता हो जाने से व्यक्ति निराशा के गहरे गर्त में डूबता चला जाता है। उसका सारा उत्साह जैसे निचुड़ सा जाता है। हौंसले पस्त हो जाते हैं। गहरी हीन भावना उसे अवसादग्रस्त कर देती है। उसे लगता है वह जीवन में कुछ नहीं कर ...
Father: पिता
शाह ने खाना पहुँचाने वाले सैनिक से औरंगजेब को अनेकों बार खबर भिजवाई कि वह उससे मिलना चाहता है, पर औरंगजेब एक बार भी मिलने नहीं आया। अब शाह का कलेजा जलता रहता था।
Story : शेर, ऊंट, सियार और कौवा
किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह (Lion)निवास करता था। बाघ (Tiger), कौआ (Crow) और सियार (Jackal), ये तीन उसके नौकर थे। एक दिन उन्होंने एक ऐसे ऊंट (Camel) को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। उसको देखकर सिंह कहने लगा, ‘अरे वाह! यह तो विचित्र...
Nature of saint: संत का स्वभाव
एक संत गांव में प्रवेश कर रहे थे। सैकड़ों भक्त उनके पास थे। अचानक एक व्यक्ति संत के सामने आया। उसके हाथ में एक पात्र था। वह कोयले और राख से भरा हुआ था। संत के निकट आते ही उसने राख और कोयला संत के सिर पर फेंक दिया। संत के भक्त क्रोधित हो उठे। उन्होंने ...
मुसाफिर हूँ यारों
लगातार मजदूरों के पलायन की बातें सुन सुनकर और टीवी, व्हाट्सएप जैसे बहुत से माध्यमों के द्वारा बड़ी ही दुखदाई फोटो देख-देख कर मन बहुत ज्यादा व्यथित हो रहा था। सोच रहा था क्यों ना कुछ मजदूरों के पास जाकर उनकी स्थिति को जाना जाए। मन के कोतुहल को मिटाने क...
काकोरी कांड: एक चादर के कारण चार क्रांतिकारियों को हुई थी फांसी की सजा
सच कहूँ डेस्क | जंग-ए-आजादी के दौरान सन् 1925 में एक घटना घटी। यह घटना स्वतंत्रता आन्दोलन में मील का पत्थर मानी गई थी क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध युद्ध करने के लिए आवश्यक हथियारों को खरीदने के लिए 9 अगस्त 1925 को ब्रिटिश द्वारा रेल से ल...
Christmas Gifts : क्रिसमस का उपहार
क्रि समस के दिन करीब थे। सभी अपने रिश्तेदारों के लिए अच्छे कपड़े और उपहार खरीद रहे थे। इन दिनों मेरी बहुत उदास थी। उसके मन में भी अच्छे कपड़े पहनकर शहर घूमने की इच्छा थी परंतु यह सब होता कैसे? (Christmas Gifts ) मैरी के पिता गुजर गए थे। सिर्फ उसकी मां...
मैं भी सिपाही
दादा जी इस कोरोना काल में तो हमने कोई भी देश के सिपाही की तरह काम नहीं किया और दूसरी तरफ हमारी सेना बॉर्डर पर दिन रात हमारे लिए काम करती है।14 साल के राहुल ने बड़ी मासूमियत से यह सवाल अपने दादा जी से पूछा। राहुल के दादा जी ने बड़ी ही समझदारी से राहुल क...