किसान
करके मेहनत कड़ी किसान,
देता सबको रोटी दान।
गरमी-सरदी से कब डरता,
खेतों की रखवाली करता।
आँधी, वर्षा या तूफ़ान,
निडर जुटा है सीना तान।
मेहनत करना हमें सिखाए,
सच्चाई की राह दिखाए।
रहता उजले-उजले मन का,
सच्चा सेवक यही वतन का।
नरेन्द्र अ...
घमंडी कौवा
यह तय हुआ कि प्रतियोगिता दो चरणों में होगी, पहले चरण में कौवा अपने करतब दिखायेगा और हंस को भी वही करके दिखाना होगा और दूसरे चरण में कौवे को हंस के करतब दोहराने होंगे।
कोरोना का कहर
कोरोना के कहर से कांप उठा संसार।अब भी संभल जाओ दुनिया के लोगो,
वर्ना चारो और मच जाएगा हाहाकार।।
देशभक्ति की बाते करते-करते जो कभी नही थकते।
वही किसी के समझाने पर अपने घर क्यों नही रुकते।।
प्रशासन को सख्ती करने पर क्यों करते हो मजबूर।
कुछ दिन की ...
पहिये का अविष्कार
आज से 5 हजार और 100वर्ष पूर्व महाभारत का युद्ध हुआ जिसमें रथों के (pahiye ka avishkar) उपयोग का वर्णन है। जरा सोचिये पहिये नहीं होते तो क्या रथ चल पाता? इससे सिद्ध होता है कि पहिये का अविष्कार 5 हजार वर्ष पूर्व ही हो गया था। पहिये का अविष्कार मानव व...
डॉक्टर बनकर बचायें ‘जिन्दगी’
Doctor : सम्मान व मानव सेवा करने के लिए छात्र चुन सकते हैं ये प्रोफेशन
सच कहूँ करियर डेस्क
मेडिकल का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। इस क्षेत्र में भारत सहित विश्व के अनेक देशों के छात्र डॉक्टर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, क्योकि इस प्रोफेशन ...
लालच बुरी बला है
'हे भगवान, इस वन में अकाल पड़े, सूखा पड़े और बाढ़ आए ताकि वन के जानवर तबाह और बरबाद हो जाएं,' सुंदर वन का महाराज खैरातीलाल सियार रोज भगवान की मूर्ति के आगे हाथ जोड़कर यही प्रार्थना करता था।
एक दिन जब वह यही प्रार्थना कर रहा था तो उसकी पत्नी बोली, ‘तुम क...
माता कभी कुमाता नहीं होती
मां! पता नहीं क्यों, तू हर समय मुझे डांटती रहती है। अब मैं बड़ा हो गया हूं। तेरी प्रताड़ना मुझे अखरती है। हां रे सोहन? मंै तो भूल गयी थी...अच्छा याद दिलाया। अब तो तू बड़ा हो गया है। मैं तो शायद उतनी की उतनी ही हूं । ...तेरे और मेरे में अन्तर जरूर घट गया...
खूब लड़ी मर्दानी…
साल 1858 में जून का 17वां दिन था जब खूब लड़ी मदार्नी, अपनी मातृभूमि के लिए जान देने से भी पीछे नहीं हटी।(Jhansi ki Rani)
‘‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’’ अदम्य साहस के साथ बोला गया यह वाक्य अब तक हमारे कानों में गूंज रहा है। सोने की चिड़िया कहे जाने वाले...
भिखारिन
अन्धी (beggar) प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए। वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रद्धालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न...
उमर शेख की ईमानदारी
बाबर का पिता समरकंद का शासक उमर शेख नेक दिल, अत्यंत ईमानदार व न्यायप्रिय था। एक बार चीनी यात्रियों का एक जत्था पूर्व से पश्चिम की यात्रा पर था। लेकिन उसमें से अनेक लोग बर्फीले तूफान में फंसकर खत्म हो गए।
और उनका धन व सामान उमर शेख के राज्य की सीमा म...