संगत का असर
एक बार एक बौद्ध भिक्षु भिक्षा लेने एक नगर में गया हुआ था। और सारे नगर के लोग उसकी सेवा करना चाहते थे क्योंकि उस समय बौद्ध भिक्षुओं का बहुत सम्मान था। इसलिये जिसे भी पता चला दौड़ा-दौड़ा उस भिक्षु के पास पहुँचा। उन्हीं में से एक वेश्या भी थी जिसने उस भिक...
दर्जी की सीख
एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान पर चला गया। वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा। उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख ...
बच्चों को सिखाएं हार को भी स्वीकारना
बच्चों का मन कोमल और भावुक होता है। उन्हें समझने की जरूरत है और माता पिता से बेहतर उन्हें कौन समझ सकता है। अपनी आकांक्षाओं को उन पर लादने के बजाय उनका मन टटोलें। लगातार मिलने वाली हार से परेशान बच्चा कई बार निरूत्साहित होकर प्रयास करना ही छोड़ देता है...
प्रेरक प्रसंग: ईमानदारी का फल
बहुत पहले की बात है एक राजा सुबह सुबह सैर करने के लिये महल से अकेला ही निकला। रास्ते में उसने देखा, एक किसान पसीने में तर-ब-तर अपने खेत में काम कर रहा है। राजा ने उसके पास जाकर पूछा, 'भाई आप इतनी मेहनत करते हो, दिन में कितना कमा लेते हो ?' किसान ने उ...
माता-पिता की सीख का असर
सैंकड़ों साल पुरानी बात है। एथेंस (यूनान) के विश्वविख्यात तत्ववेत्ता जिस पाठशाला में पढ़ाते थे उसी में एक अत्यंत दरिद्र बालक किलेंथिस भी विद्या अध्ययन करता था। उसके कपड़े फटे-पुराने रहते, तथापि पढ़ाई के बदले दी जाने वाली दैनिक फीस वह नियमित चुकाता था। वह...
बच्चे को सिखाएं शेयर करना
कुछ बच्चों में देने की आदत जन्मजात होती है। उन्हें इसे सिखाना नंहीं पड़ता, लेकिन कुछ बेहद खुदगर्ज प्रवृत्ति लिए पैदा होते हैं। वे अपनी चीज किसी के द्वारा छू भर देने से हंगामा मचा देते हैं। जमीन में पसर जाते हैं। गला फाड़कर चिल्लाने, हाथ-पैर पटकने लगते ...
India is my country: भारत देश मेरा…
मेरी भारत माता मानवता की महान भूमि है
पहली बार सभ्यता को अपनी उपस्थिति मिली
अलग-अलग देशों में अभिवादन की अनोखी परंपरा
सच कहूँ डेस्क। अपने प्रियजनों या दोस्तों से मुलाकात होने पर, अजनबियों से मिलने पर, किसी व्यापारिक या व्यावसायिक समारोहों के दौरान लोग अक्सर एक दूसरे से हाथ मिलाकर (हैंडशेकिंग) अभिवादन करते हैं। यह स्वाभाविक रूप से पश्चिमी देशों की प्रथा रही है, और वि...
बच्चों को बनाएं समझदार और मिलनसार
ब च्चे अपने माता-पिता को देखकर ही सब कुछ सीखते है जैसे चलना-बैठना, बोलना, खाना-पीना इत्यादि। बच्चों के लिए उनके माता-पिता हमेशा उनके उदहारण होते हैं, कभी-कभी मुसीबत पड़ने पर वो उनके द्वारा बताए गए मार्गदर्शन का पालन भी करते हैं, और बच्चों को छोटी उम्र...
लालच का नतीजा
शेरसिंह एक कंपनी में काम करता था। आज वह उस कंपनी से रिटायर होने जा रहा था। उस कंपनी से रिटायर होने के उपलक्ष में कंपनी के आफिस में तैयारियां चल रही थीं। आफिस को खूब सुंदर से सजाया गया था। आफिस के कर्मचारी शेरसिंह को उपहार देने के लिए एक से बढ़कर एक ची...