कहानी : कैसे लोग
वह अपनी पत्नी के साथ ससुराल में आया हुआ था। इसी गांव में उसकी एक बहन भी ब्याही हुई थी। ससुराल में जब मिलना-जुलना हो गया तो उसने बहन से मिलने का मन बनाया लेकिन हिचकिचाहट भी हो रही थी। इसके कई कारण थे। वह एक साधारण दर्जी था। एक कपड़े के व्यापारी की दुका...
पछतावे का पुरस्कार
कक्षा में उत्साह और डर का माहौल था। गणित के अध्यापक को परीक्षा लेनी थी। अध्यापक ने सवालों के सही हल करने वाले को पुरस्कार की घोषणा कर दी थी। सवाल थोड़े कठिन थे। इसलिए पुरस्कार को लेकर तो विद्यार्थियों में उत्साह था, लेकिन सवाल हल नहीं हो पाने के कारण ...
लगता है फिर वो आने वाले हैं…
मिल गई उसके कदमो की आहट
लगतों है वो आने वाले हैं
फिर से खुशियों के समुन्द्र
लुटाने वाले हैं।
पशु परिंदे भी झूमे ,
उनमे भी जान आई है ,
फूलों की खुशबु से हुआ समा मोहक
उन्होंने आज बात ये बतलाई है
दर्श की लगी थी कब से प्यास
फिर वो बुझाने वाले ...
गीत: तेरे जैसा दुनियां में इन्सान नहीं
उर्वर भूमि के मालिक उद्यम कृषक सुन।
नींव के सृजक प्रभाकर श्रमिक सुन।
तेरे खून पसीने में तो सूरज है।
सुन्दर कायनात तेरी ही मूर्त है।
रीस तेरी कर सकता भी भगवान नहीं।
तेरे जैसा दुनिया में इन्सान नहीं।
कर्मठता का सारा तन्मय तेरा है।
अम्बर भीतर तेर...
Father: पिता
शाह ने खाना पहुँचाने वाले सैनिक से औरंगजेब को अनेकों बार खबर भिजवाई कि वह उससे मिलना चाहता है, पर औरंगजेब एक बार भी मिलने नहीं आया। अब शाह का कलेजा जलता रहता था।
प्रधानमंत्री का प्रकृति प्रेम, मोर मांगे मोर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राकृति से बहुत लगाव रखते हैं इसका अहसास वह पहले भी कई मौकों पर करा चुके हैं और इसी कड़ी में उनकी नयी बानगी दिल को भाव विभोर करती है। मोदी ने रविवार को अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर एक मिनट 47 सेकेंड का एक वीडियो पोस...
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैं…
प्यासी रूहें.. पुकार रही हैं, पिया मेरे कब आओगे|
दर्शन की ये प्यास ओ रब्बा, आकर तुम्हीं बुझाओगे|
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैं|
ईद दिवाली साथ मनेगी, आस लगाए बैठे हैं|
पतझड़ के इस मौसम में कब बहारें लाओगे??
प्यासी रूहें.. पुकार...
Smiling Life : मुस्कुराता जीवन
शडियन एक मामूली जमींदार था किंतु वहां का जमींदार उसे अपने बड़े भाई की तरह मानता था। इस बात से सारा कांचीपुरम परिचित था। लोग खुलेआम कई प्रकार से विरोध भी प्रकट करते रहते परंतु जमींदार अपनी बात को समझाने की अपेक्षा हंसते हुए उनको समदृष्टि रखने का उपदेश ...
कहानी कोख का कर्ज
जगेश बाबू का कभी अपना जलवा था। रौबिले और गठिले जिस्म पर सफेद कुर्ता-धोती मारवाड़ी पगड़ी खूब फबती। हाथ में छड़ी और मुंह में पान की गिलौरी दबाए ताव से मूंछों पर हाथ भांजते रहते। शहर से गांव आते तो उनकी जेब में सूंघनी की डिब्बी और गमकौवा इत्र पड़ा रहता। जग्...
महाराजा सूरजमल
सच कहूँ डेस्क। राजस्थान की रेतीली जमीन में चाहे अनाज की पैदावार भले ही कम होती रही हो, पर इस भूमि ने कई वीरों को जन्म दिया है। अपने पराक्रम और शौर्य के बल पर इन वीर योद्धाओं ने राजस्थान के साथ-साथ पूरे भारतवर्ष का नाम समय-समय पर रोशन किया है।
कर्न...