Cobra Snake: आखिर किस तरह इंसानों की हर बात सुन लेते है कोबरा? इस रिसर्च से पता चला सच
Cobra Snake: ये बात हम सब जानते हैं कि सांप के कान नहीं होते, वहीं एक नई रिसर्च कहती है कि सांप बगैर कानों के ही इंसानों की आवाज को ना केवल अच्छी तरह सुन सकता है, बल्कि अलग अलग इंसान की आवाज को पहचान भी लेता हैं। वहीं हाल ही के एक शोध से पता चला है क...
जगराज सिंह इन्सां बने 21वें शरीरदानी
मरणोंपरांत शरीरदान (Body Donation)
लुधियाना/माणूंके(जसवंत राय)। डेरा सच्चा सौदा की पवित्र शिक्षाआें पर चलते मानवता भलाई के कामों के अंतर्गत ब्लॉक माणूंके कस्बा हठूर के जगराज सिंह इन्सां (53) पुत्र सोहण सिंह के मरणोंपरांत उनकी मृत देह (Body Donation)...
जानें, क्यों मनाया जाता है दशहरा का पर्व? | Dussehra
विजय दशमी दशहरा (Dussehra) का पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीयता को नवऊर्जा देने का भी पर्व है। आज भी अंधेरों से संघर्ष करने के लिये इस प्रेरक एवं प्रेरणादायी पर्व की संस्कृति को जीवंत बनाने की ...
सुनहरा केकड़ा
एक समय की बात है की एक गांव में एक ब्राह्माण खेतीबाड़ी (Agriculture) करता था। उसके पास कुछ खेत भी थे, जिनसे अच्छी पैदावार होती थी और मजे में उसकी गुजर-बसर हो जाया करती थी । उसके खेतों के पास ही एक तालाब था। एक दिन खूब गर्मी पड़ रही थी। ब्राह्...
वो जलाकर बस्ती…
वो जलाकर बस्ती आशियानें की बात करते हैं,
मिटाकर हाथों की लकीरें मुक्कदर की बात करते हैं।
नादान थे हम चालाकियाँ समझ ही ना पाए,
अपना बनाकर हमें वो गैरों की बात करते हैं।
छुपाते रहें उम्र भर जिनकी गलतियों को हम,
वो महफ़िल में मेरी कमियों की बात...
कहानी : काव्या
सुलभ के साथ हम कमरे में बैठकर चाय की चुस्कियां ले रहे थे। शाम के पांच बज रहे थे। कमरे में दीवार पर टंगी घड़ी टिक-टिककर अपने मंजिल की तरफ बढ़ रहीं थी। शैलजा भाभी ने चाय और नाश्ता बनाकर टेबल पर रख दिया था। हम दोनों अपनी बातों में मशगूल थे। विदेश में रहने...
अकेली लड़की
जी सुनती हो’ सुलभ ने शैलजा के लिए आवाज लगाई थी। ‘अभी आयीं।’ बोलिए, शैलजा कमरे में पहुँचते ही कहा था। ‘अरे भाई, कुछ पल तो अजीत के साथ भी बीता लो, बेचारा विदेश से आया है। जल्द ही लौट जाएगा, इतना समय कहां है। कोई घर आया है तो तुम्हें फुर्सत ही नहीं मिलत...
एक ही कामवाली के कई-कई रूप और अनेकानेक व्याख्याएं
Female Servant Story: मेरी गली में भी कामवालियों को लेकर रोज ही चकल्लस चला करतीं। गली की मेमसाहबें कभी उनकी तारीफें करते न अघातीं तो कभी बुराइयां करते-करते। एक ही कामवाली के कई-कई रूप और अनेकानेक व्याख्याएं। बुराई-भलाई करने का भी एक अलग निंदारस चला क...
लघुकथा: अपने मनोबल को कभी कमजोर मत होने दो
एक बार एक मेढ़क का समूह जंगल में घूम रहा था। तभी अचानक उन समूह में से दो मेढ़क एक गहरे गड्ढे में गिर गये। जब उनके साथी दूसरे मेढ़कों ने उन्हें गहरे गड्ढे में गिरे हुए देखा तो वे बोले की आप इस गड्ढे से बाहर नहीं निकल सकते और अब आप अपनी मौत के बहुत नजदीक ...
Own strangers: अपने पराये
फोन की घंटी तो सुनी मगर आलस की वजह से रजाई में ही लेटी रही। उसके पति राहुल को आखिर उठना ही पड़ा। दूसरे कमरे में पड़े फोन की घंटी बजती ही जा रही थी। इतनी सुबह कौन हो सकता है जो सोने भी नहीं देता, इसी चिड़चिड़ाहट में उसने फोन उठाया। ‘हेल्लो, कौन’ तभी दूसरी...