अरे वह है ना… बाबा राम रहीम जी करते हैं इसकी अगुवाई
जब भी मैं कर लेता था नशा,
एक अजीब सा अहसास और आता था मजा,
पहले -2 तो था यह एक बेसुध सा मजा,
लेकिन फिर बदल कर, गमगीन मुझे करके दी सजा,
शुरू हुआ था सब कुछ एक धुए के गुब्बार से,
धुआ, वही बीड़ी का जो आया था ओर के धूम्रपान से,
जब पहली बार सुंघा तो ह...
कहानी : दादी मां : Grandmother
राखी से दो दिन पहले ही वजीरचन्द अपनी बहन और जीजा को मनाकर घर ले आया और विदा करते समय कपड़े, मिठाइयां, रुपये इत्यादि देकर उन्हें खुशी-खुशी विदा किया।
कुत्ते जिहा ना कोई वफ़ादार
सुत्ता उठ के कोई नहीं खुश हुंदा बुल्लेया
ते बड़े सुत्ते जगा के वेखिया ए
कुत्ते जिहा कोई नहीं वफादार डिट्ठा
ते टुक्कर सुक्का वी पा के वेखिआ ए
तोता जदों वी छड्डिए उड्ड जांदा
कईआं चूरिआं पा के वेखिआ ए
डंग मारनों कदे वी सप्प नहीं हटदा
कईआं दूध पिआ ...
Short Story: लघु कथा : वरदान
विचित्र है जीवन के रंग, कब वरदान अभिशाप बन जाए और अभिशाप वरदान, नहीं कहा जा सकता। कुछ महीने पहले एक परिचित की मृत्यु हुई, रात दिन शराब के नशे में धुत रहते थे, अच्छी भली नौकरी थी मगर काम पर नहीं जाते थे, जाते थे तो करने की हालत में ही नहीं होते थे, नश...
ग़जल : तीरो-तलवार से नहीं होता
तीरो-तलवार से नहीं होता
काम हथियार से नहीं होता
घाव भरता है धीरे-धीरे ही
कुछ भी रफ्तार से नहीं होता
खेल में भावना है ज़िंदा तो
फ़र्क कुछ हार से नहीं होता
सिर्फ़ नुक्सान होता है यारो
लाभ तकरार से नहीं होता
उसपे कल रोटियां लपेटे सब
कुछ भी...
लघुकथा : दो पेड़
एक पेड़ ने अपने मित्र पेड़ से पूछा-आखिर आज कल इन इन्सानों को हो क्या गया है! ये कम ही चहल पहल करते हैं और घरों में कैदियों की तरह रह रहे हैं। दूसरे पेड़ ने कहा-‘‘ये खुद जिम्मेदार हैं।
पेड़-‘‘वो कैसे भाई?’’
मित्र-भाई इन इन्सानों ने पहले तो कुदरत को अपना...
‘मैसूर का शेर’ टीपू सुल्तान
टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर 1750 को दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के मैसूर देवनाहल्ली में हुआ था। इनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। योग्य शासक के अलावा टीपू एक विद्यवान और एक कुशल सेनापति थे। इनके पिता का नाम हैदर अली और मां का नाम फकरुन...
कहानी : बाग का माली
लेखक: आंनद बिल्थरे
वैभव ने, बी.एस.सी. की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास कर ली थी। वह आगे पढ़ना चाहता था, किंतु वीनू से घर की स्थिति और केशव का टूटता स्वास्थ्य छिपा नहीं था। वीनू, चाहती थी कि वैभव, अब कहीं भी छोटी-मोटी नौकरी कर केशव का हाथ बंटाए। वीनू की...
Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर पहुंचकर क्या करेगा, पढ़ें इस लेख में
Chandrayaan-3 Updates: हम सभी जानते हैं कि भारत में 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च कर दिया है। चंद्रयान-3 के 23 अगस्त की शाम 5 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावनाएं जताई जा रही है। लैंडर की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत एक नया इतिहास रचेगा। लैंड...
कबीर दास जी के दोहे
निंदक नियरे राखिए, आँगन कुटी छवाय,
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
माला फेरत जु...