कोरोना का कहर
कुछ दिन की बात है प्यारो, रह लो एक दूसरे से दूर , आओ मिलकर पूरे विश्व को ऐसा कुछ कर दिखलाये।
कोरोना पीड़ित
पिंकी ये, पिंकी वो, डोंट नो कैसे झेलती हो ऐसे पति को। मैं चुप रही, झेलती तो हूं, लेकिन केवल उन्हें नहीं तुम सबको भी साथ में। चश्मा पति को दे फिर कॉफी बनाने की लिए जाने लगी तो पति ने उसे अपने पास बैठा लिया,थोड़े देर पास बैठो, अब घर पर हूं तो पास भी नहीं आओगी।
Big Thinking: बड़ी सोच
एक बार एक आदमी ने देखा कि एक गरीब फटेहाल बच्चा बड़ी उत्सुकता से उसकी महंगी आॅडी कार को निहार रहा था। गरीब बच्चे पर तरस खा कर अमीर आदमी ने उसे अपनी कार में बैठा कर घुमाने ले गया।
Tension: तनाव
उसकी पत्नी पलंग पर लेटी हुई कोई मैगजीन पढ़ रही थी।
वह बाथरूम में फ्रेश होने चला गया।
वहां से आया तो तौलिये से हाथ मुँह पोंछते हुए पत्नी से बोला, ‘खाना लगा दो... बहुत भूख लगी है।’
जीवन
एक जीवन मिला था | Life
उसे जिया नहीं
वह अमृत-घट था
उसे पिया नहीं
भरमते रहे
प्यासे और निरीह
उस झरने की खोज में
जो अंदर था
बंद और ठहरा हुआ
उसे अपने को दिया नहीं
मांगते रहे प्यार और आश्वासन
कृपण हो गए हैं लोग
दुहराते रहे बार-बार
खुद को...
भिखारिन
अन्धी (beggar) प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए। वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रद्धालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न...
हो लिया देश का नाश, आज ये मोटे चाळे होगे
हो लिया देश का नाश, आज ये मोटे चाळे होगे (Country's plight)
ना सही व्यवस्था आज देश मैं, हालात कुढ़ाळे होगे
निजीकरण और छटणीं की या पूरी तैयारी करली
कई महकमें बेच दिये, कईयां की तैयारी करली
सर्विस करणिये लोगां की, घर भेजण की तैयारी करली
बिना बताए घ...
चाहिए मुझे सच कहूँ
चाहिए मुझे सच कहूँ | Sachkahoon
देश हो या विदेश,
चाहे मैं कहीं भी रहूँ,
सुबह आँख खुलते ही,
चाहिए मुझे सच कहूँ।
जिसमें है देश-विदेश,
राजनीतिक, धार्मिक, समाजिक सरोकार,
मानव से मानव को मिलाने,
वाला है ये अखबार। सच कहूँ ...
दुनिया को यह म...
सुनहरा केकड़ा
एक समय की बात है की एक गांव में एक ब्राह्माण खेतीबाड़ी (Agriculture) करता था। उसके पास कुछ खेत भी थे, जिनसे अच्छी पैदावार होती थी और मजे में उसकी गुजर-बसर हो जाया करती थी । उसके खेतों के पास ही एक तालाब था। एक दिन खूब गर्मी पड़ रही थी। ब्राह्...