गीत: तेरे जैसा दुनियां में इन्सान नहीं
उर्वर भूमि के मालिक उद्यम कृषक सुन।
नींव के सृजक प्रभाकर श्रमिक सुन।
तेरे खून पसीने में तो सूरज है।
सुन्दर कायनात तेरी ही मूर्त है।
रीस तेरी कर सकता भी भगवान नहीं।
तेरे जैसा दुनिया में इन्सान नहीं।
कर्मठता का सारा तन्मय तेरा है।
अम्बर भीतर तेर...
प्रेरक प्रसंग: जरूरतमंद को अपनी क्षमता अनुसार शरण दीजिए
एक गरीब आदमी की झोपड़ी, जहां रात को जोरों की वर्षा हो रही थी। सज्जन था, छोटी सी झोपड़ी थी। स्वयं और उसकी पत्नी, दोनों सोए थे। आधी रात किसी ने द्वार पर दस्तक दी। उन सज्जन ने अपनी पत्नी से कहा-उठ! द्वार खोल दे। पत्नी द्वार के करीब सो रही थी। पत्नी ने कहा...
लघुकथा: अपने मनोबल को कभी कमजोर मत होने दो
एक बार एक मेढ़क का समूह जंगल में घूम रहा था। तभी अचानक उन समूह में से दो मेढ़क एक गहरे गड्ढे में गिर गये। जब उनके साथी दूसरे मेढ़कों ने उन्हें गहरे गड्ढे में गिरे हुए देखा तो वे बोले की आप इस गड्ढे से बाहर नहीं निकल सकते और अब आप अपनी मौत के बहुत नजदीक ...
और कितने दूर
सोमली रात से ही व्याकुल थी। करवट बदल-बदलकर उसने रात काटी। उसकी इस दशा को उसकी सास ने ताड़ लिया था। वह भी उससे दो-चार हाथ दूर ही सोयी हुई थी। काफी देर तक वह कुछ बोली नहीं। यूं भी अपनी इस बहू को वह कुछ कहना ठीक नहीं मानती थी, पढ़ी-लिखी होने के कारण। इस व...
लघुकथा : एक गिलास दूध की कीमत
एक दिन, एक गरीब लड़का जो स्कूल के बाद घर-घर जाकर सामान बेच रहा था, उसने पाया कि उसके पास केवल कुछ पैसा ही बचा है, और वह भूखा था। उसने तय किया कि वह अगले घर पर खाना मांगेगा। हालांकि, जब एक युवती ने दरवाजा खोला, तो उसने संकोच वश भोजन के बदले पानी मांगा।...
Smiling Life : मुस्कुराता जीवन
शडियन एक मामूली जमींदार था किंतु वहां का जमींदार उसे अपने बड़े भाई की तरह मानता था। इस बात से सारा कांचीपुरम परिचित था। लोग खुलेआम कई प्रकार से विरोध भी प्रकट करते रहते परंतु जमींदार अपनी बात को समझाने की अपेक्षा हंसते हुए उनको समदृष्टि रखने का उपदेश ...
कुशल व बहादुर शासिका थी ‘रानी दुर्गावती’
जीवन परिचय (Rani Durgavati)
नाम रानी दुर्गावती
जन्म स्थान कालिंजर दुर्ग
पिता का नाम कीरतराय
पति का नाम दलपत शाह
बेटे का नाम वीर नारायण
मृत्यु स्थान जबलपुर
रानी दुर्गावती का नाम भारत की उन महानतम वीरांगनाओं की सबसे अग्रिम पंक्ति में आता है जि...
कहानी : कैसे लोग
वह अपनी पत्नी के साथ ससुराल में आया हुआ था। इसी गांव में उसकी एक बहन भी ब्याही हुई थी। ससुराल में जब मिलना-जुलना हो गया तो उसने बहन से मिलने का मन बनाया लेकिन हिचकिचाहट भी हो रही थी। इसके कई कारण थे। वह एक साधारण दर्जी था। एक कपड़े के व्यापारी की दुका...
कमजोर तू नहीं, तेरा वक्त है
कमजोर तू नहीं, तेरा वक्त है,
व्यर्थ में ही यों न झिझक।
मुश्किलें तो वक्त के साथ बदलती हैं,
इन्हीं से तो जिन्दगी संवरती है।
ग्रीष्म में सूरज का भी होता है तिरस्कार,
शीत में उसका ही होता हैं इन्तजार।
उजियाला तो हर अंधेरी रात बाद होता है,
व...
‘Empowerment’ : ‘सशक्तीकरण’
सारा देश महिला सशक्तीकरण की राह पर दौड़ा चला जा रहा है और बेचारे पुरुषों की सुध लेने की कोई जरूरत ही महसूस नहीं करता। पुरुष सशक्तीकरण की आवश्यकता बताता व्यंग्य। संडे की सुबह, अभी बिस्तर में ही था कि घंटी बज उठी। ‘कौन होगा इतनी सुबह?’ मन में सोचा। घड़ी ...