हमारी आत्मा को शुद्ध करने का रमजान त्योहार | Ramzan
रमजान इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना है, जिसे मुसलमानों द्वारा उपवास, प्रतिबिंब और प्रार्थना के महीने के रूप में मनाया जाता है। (Ramzan) यह मुहम्मद के पहले रहस्योद्घाटन की याद रमजान का महीना एक विशेष समय होता है जब मुसलमान इबादत और उपवास करते ह...
Chandrayaan-3 Moon Landing LIVE Updates: चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग, आम लोगों और देश को होगा ये फायदा
Chandrayaan-3 Moon Landing LIVE Updates: भारत का तीसरा चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' सफलतापूर्वक लैंड हो चुका है, देश में खुशी का माहौल बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को इसके लिए बधाई दी है।
वहीं अब लोगों का यह प्रश्न बना हुआ है कि चंद्र...
धर्म का कांटा : Scale of Religion
धर्म का कांटा: सुबह का उजाला सुरभि के मन में बहुत सा स्नेह, सम्मान, अपनापन ले कर आया। वह फ्रैश होकर बैठी ही थी कि आलोक भी उठ गया। आलोक उस के कंधे का सहारा लेकर बाथरूम तक गया।
महक रहा है आलम दम-दम, रौनक लगी फिजाओं में … Saint Dr MSG
महक रहा है आलम दम-दम, रौनक लगी फिजाओं में।
यूं लगता है फूल बिखेरे, सृष्टि उनकी राहों में।
सृष्टि उनकी राहों में अब तोरण द्वार बनाए हैं।
दिल अजीज वो पिया हमारे, अहो भाग हैं आए हैं।
मद मय मानिन्द मलय पवन, छोह से उनकी बहक रहा।
हर्ष हिलोरें ...
Away From the Root : कहानी: जड़ से दूर
एक गहरी आत्मीयता के साथ वे सबको अपने हाथ से चने के पौधे उखाड़-उखाड़कर देते रहे थे, लेकिन आज यह अचानक कैसा परिवर्तन आ गया।
पूज्य सतगुरु जी ने उठाया है अब बीडा…
पूज्य गुरु जी की बात तुम अब मान जाओ
देश दुनिया के युवाओं तुम अब जाग जाओ।
पूज्य सतगुरु जी ने उठाया है अब बीडा,
DEPTH मुहिम से खत्म करना है नशे रूपी कीड़ा।
देश के नौजवानों को सावधान किया है,
नशे रूपी दैत्य को चीरने का आह्वान किया है।
नशा हर तर...
लघुकथा : कैदी
नन्हा बिट्टू दादा जी के साथ बाजार गया हुआ था। बाजार से आते-आते दादा जी ने सोचा-चलो मदिंर में भगवान के दर्शन कर आएं। वे मंदिर पहुंचे। मंदिर में ताले लगे हुए थे। दादा जी ने घड़ी की ओर देखा। दोपहर के 12 बज रहे थे। वे निराश भाव से बढ़ चले।
बिट्टू ने पूछा,...
मेरे मौला.. मेरी ईद तो.. | Saint Ram Rahim
न मंदिर न मस्जिद ना ही चर्च में जाने से होगी।
मेरे मौला.. मेरी ईद तो.. बस तेरे आने से होगी।
अजब सी मस्ती अजब सा खुमार हो जाएगा।
ये पतझड़ का जो मौसम है बहार हो जाएगा।
महक उठेगा रोम रोम शाही खुशबू से,
तेरे दर्शन से दिल गुलो गुलजार हो जाएगा।
बस .....
सृष्टि की धुरी, सदा संभालें सन्त…
संत सनातन आदि युग, सृष्टी का आगाज।
संत सदा परहित रहें, सदा संवारें काज।
सदा संवारें काज, राज कहा तुलसी जी ने।
दीन्हे कानन हाथ, उन्हें हम भी नहीं चिन्हे।
उन बिन सब प्रलय गह्यो, सब विनशै सब अन्त।
‘बघियाड़’ सृष्टि की धुरी, सदा संभालें सन्त।।
कहानी: शिव ने अपने सपनों को लगाए पंख
शिव के माता-पिता उसके स्कूल के शिक्षक के गये एवं उनसे बात करते हैं कि शिव पहले बहुत पढ़ाई करता था लेकिन अब उसका ध्यान ना तो पढ़ाई में और ना ही किसी अन्य कार्यों में लगता है।