बच्चों ने समझाई, होली खेलने की खुशी
चाचा करोड़ीमल हमारे मोहल्ले के सबसे वृद्ध व्यक्ति हैं। शरीर पर वस्त्र के नाम पर एक अदद धोती, और कंधे से कमर तक एक बड़ा सा जनेऊ पड़ा रहता है । वह जहाँ कहीं भी जाते हैं , उनकी प्यारी प्यारी लाठी, परछाई की तरह उनके साथ ही जाती है। उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत ह...
Own land : अपनी धरती
यह धरती है अपनी भैया
इस धरती से प्यार करो,
धरती को तो माँ कहते हैं
इससे मत इंकार करो।
एक देश है और एक हम
इसे नहीं तुम भूलो भाई,
यह पूजा के योग्य धरा है
चरणों को तुम छू लो भाई।
माँ तो आखिर माँ होती है
माँ को कैसे लुटोगे तुम,
गोद सभी की ख़...
Love animals: पशुओं से प्यार
जंगल के पास एक गांव में रतन नाम का अनाथ लड़का रहता था। वह मेहनत-मजदूरी करके अपना पेट पालता था। उसे कहीं भी कोई गिरा-पड़ा जानवर मिलता, वह उसे उठाकर अपने घर ले जाता। इस तरह उसके पास बहुत से पशु-पक्षी इक्ट्ठे हो गए। उनके लिए उसने एक सुंदर सा बाड़ा बनवा दिय...
असफलता से घबराएं नहीं
कई बार देखा गया है किसी एक कार्य में असफलता हो जाने से व्यक्ति निराशा के गहरे गर्त में डूबता चला जाता है। उसका सारा उत्साह जैसे निचुड़ सा जाता है। हौंसले पस्त हो जाते हैं। गहरी हीन भावना उसे अवसादग्रस्त कर देती है। उसे लगता है वह जीवन में कुछ नहीं कर ...
Story : शेर, ऊंट, सियार और कौवा
किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह (Lion)निवास करता था। बाघ (Tiger), कौआ (Crow) और सियार (Jackal), ये तीन उसके नौकर थे। एक दिन उन्होंने एक ऐसे ऊंट (Camel) को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। उसको देखकर सिंह कहने लगा, ‘अरे वाह! यह तो विचित्र...
Nature of saint: संत का स्वभाव
एक संत गांव में प्रवेश कर रहे थे। सैकड़ों भक्त उनके पास थे। अचानक एक व्यक्ति संत के सामने आया। उसके हाथ में एक पात्र था। वह कोयले और राख से भरा हुआ था। संत के निकट आते ही उसने राख और कोयला संत के सिर पर फेंक दिया। संत के भक्त क्रोधित हो उठे। उन्होंने ...
मुसाफिर हूँ यारों
लगातार मजदूरों के पलायन की बातें सुन सुनकर और टीवी, व्हाट्सएप जैसे बहुत से माध्यमों के द्वारा बड़ी ही दुखदाई फोटो देख-देख कर मन बहुत ज्यादा व्यथित हो रहा था। सोच रहा था क्यों ना कुछ मजदूरों के पास जाकर उनकी स्थिति को जाना जाए। मन के कोतुहल को मिटाने क...
Christmas Gifts : क्रिसमस का उपहार
क्रि समस के दिन करीब थे। सभी अपने रिश्तेदारों के लिए अच्छे कपड़े और उपहार खरीद रहे थे। इन दिनों मेरी बहुत उदास थी। उसके मन में भी अच्छे कपड़े पहनकर शहर घूमने की इच्छा थी परंतु यह सब होता कैसे? (Christmas Gifts ) मैरी के पिता गुजर गए थे। सिर्फ उसकी मां...
मैं भी सिपाही
दादा जी इस कोरोना काल में तो हमने कोई भी देश के सिपाही की तरह काम नहीं किया और दूसरी तरफ हमारी सेना बॉर्डर पर दिन रात हमारे लिए काम करती है।14 साल के राहुल ने बड़ी मासूमियत से यह सवाल अपने दादा जी से पूछा। राहुल के दादा जी ने बड़ी ही समझदारी से राहुल क...
Children Story: मैं किसी से नहीं डरता
Children Story: राम और अमर बचपन के बहुत अच्छे मित्र हैं। दोनों इस वक्त दसवीं कक्षा के विद्यार्थी है। एक दूसरे से हर बात शेयर करते हैं। कोरोनावायरस संकट के समय जहां हर आदमी अपने-अपने घरों में रुका हुआ है और सिर्फ जरूरत के कामों से ही घर से बाहर जा रहा...