Chanda aur Suraj : चंदा और सूरज
सू रज बहुत सुन्दर लड़का था और चंदा एक सुन्दर लड़की। दोनों को एक दूसरे से प्रेम हो गया सो उन्होंने विवाह कर लिया। उनके एक लड़की हुई जो मां की तरह सुन्दर पिताजी की तरह हंसमुख थी। दोनों उसे अत्यधिक प्यार करते। उन्होंने उसका नाम पृथ्वी रखा। सारे तारे पृथ्वी...
Nature of saint: संत का स्वभाव
एक संत गांव में प्रवेश कर रहे थे। सैकड़ों भक्त उनके पास थे। अचानक एक व्यक्ति संत के सामने आया। उसके हाथ में एक पात्र था। वह कोयले और राख से भरा हुआ था। संत के निकट आते ही उसने राख और कोयला संत के सिर पर फेंक दिया। संत के भक्त क्रोधित हो उठे। उन्होंने ...
मुसाफिर हूँ यारों
लगातार मजदूरों के पलायन की बातें सुन सुनकर और टीवी, व्हाट्सएप जैसे बहुत से माध्यमों के द्वारा बड़ी ही दुखदाई फोटो देख-देख कर मन बहुत ज्यादा व्यथित हो रहा था। सोच रहा था क्यों ना कुछ मजदूरों के पास जाकर उनकी स्थिति को जाना जाए। मन के कोतुहल को मिटाने क...
Christmas Gifts : क्रिसमस का उपहार
क्रि समस के दिन करीब थे। सभी अपने रिश्तेदारों के लिए अच्छे कपड़े और उपहार खरीद रहे थे। इन दिनों मेरी बहुत उदास थी। उसके मन में भी अच्छे कपड़े पहनकर शहर घूमने की इच्छा थी परंतु यह सब होता कैसे? (Christmas Gifts ) मैरी के पिता गुजर गए थे। सिर्फ उसकी मां...
मैं भी सिपाही
दादा जी इस कोरोना काल में तो हमने कोई भी देश के सिपाही की तरह काम नहीं किया और दूसरी तरफ हमारी सेना बॉर्डर पर दिन रात हमारे लिए काम करती है।14 साल के राहुल ने बड़ी मासूमियत से यह सवाल अपने दादा जी से पूछा। राहुल के दादा जी ने बड़ी ही समझदारी से राहुल क...
मैं किसी से नहीं डरता
राम और अमर बचपन के बहुत अच्छे मित्र हैं। दोनों इस वक्त दसवीं कक्षा के विद्यार्थी है। एक दूसरे से हर बात शेयर करते हैं। कोरोनावायरस संकट के समय जहां हर आदमी अपने-अपने घरों में रुका हुआ है और सिर्फ जरूरत के कामों से ही घर से बाहर जा रहा है। ऐसे दौर में...
लालच का अंत
एक किसान के खेत से जादुई टब निकला। उसमें विचित्र गुण था। उसमें कोई एक चीज डालने पर वैसी ही सौ चीजें निकल आती थीं। किसान ने उस टब में लीची का एक पौधा डाला। थोड़ी देर में टब से लीची के सौ पौधे निकल आए। इसी तरह वह अनेक चीजों का ढेर लगाकर समृद्ध हो गया।
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लघू कथा: पीलू गया शहर
एक था पीलू ततैया। वह लालची था उसे जब भी कुछ खाने की चीज दिखाई देती वह उस पर टूट पड़ता। एक दिन उड़ते-उड़ते पीलू ततैया शहर जा पहुंचा। वहां मंडी में गुड़ के बड़े-बड़े ढेर लगे थे। उन पर बहुत से ततैये बैठे मजे से गुड़ का स्वाद ले रहे थे।
पीलू भी वही एक ढेर पर ज...
कहानी: होमवर्क
डब्बू कभी भी अपना होमवर्क पूरा करके स्कूल नहीं जाता था। होमवर्क पूरा न करने के कारण स्कूल में उसे रोज डांट सुननी पड़ती थी और मार भी खानी पड़ती थी लेकिन वह अपनी आदत नहीं सुधारता था। मां जब उसे समझाती तो वह कहता, 'दूसरे बच्चे भी तो होमवर्क पूरा करके नहीं...
बाल कथा : संतोष की महत्ता
जीवन में संतोष है तो सब कुछ है। संतोष नहीं तो सब कुछ होने पर भी मनुष्य के पास कुछ नहीं। जीवन को सुखमय बनाने के लिए संतोष आवश्यक है। जीवन का लक्ष्य भौतिकवाद नहीं है जबकि मनुष्य हमेशा भौतिक पदार्थों को इक्ट्ठा करने में ही लगा रहता है। भौतिकवाद तो एक अं...