साहित्य: अमरलोक
एक दिन एक नौजवान बोला, ‘‘मुझे यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगती कि हर किसी को एक न एक दिन मरना ही पड़ता है। मैं ऐसी जगह की खोज करूँगा जहाँ कोई कभी नहीं मरता।’’
वह अपने माता-पिता, सगे-संबंधियों सबसे विदा लेकर चल पड़ा अमरलोक की खोज में!
वह हर मिलने वाले स...
एक दाना और
गल्ले के व्यापारी ने पहली बार छोटे से बेटे को थड़े पर चढ़ाया। बोला-‘‘देख ले, यह है तेरा ठीहा। उठाले तराजू औरये बाट। जाँच-परख ले डंडी... कान-खोट तो नहीं है? अब एक पल्ले में रख सौ ग्राम का बाट और दूसरे में गेहूँ का एक-एक दाना डालना शुरू कर दे। ध्यान रखना...
जगराज सिंह इन्सां बने 21वें शरीरदानी
मरणोंपरांत शरीरदान (Body Donation)
लुधियाना/माणूंके(जसवंत राय)। डेरा सच्चा सौदा की पवित्र शिक्षाआें पर चलते मानवता भलाई के कामों के अंतर्गत ब्लॉक माणूंके कस्बा हठूर के जगराज सिंह इन्सां (53) पुत्र सोहण सिंह के मरणोंपरांत उनकी मृत देह (Body Donation)...
Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण का डर, कई राज्यों के शहराें में स्कूल बंद, देखे यहां…
school holidays: 2024 का पहला सूर्य ग्रहण अगले महीने लगने जा रहा है, यानि इस साल का पहला सूर्यग्रहण 8 को दिखाई देगा, ये सूर्य ग्रहण कई देशों में दिखाई देगा लेकिन अमेरिका में इसे सबसे ज्यादा साफ तरीके से देखा जा सकेगा। इसलिए अमेरिका की सरकार ने देश के...
गुजरात में देश के सरदार वल्लभ का जन्म
वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष भी कहते हैं और सरदार भी। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में उनका जन्म हुआ था और उन्होंने अंतिम सांस 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में ली। सरदार पटेल का जन्म किसान परिवार में हुआ, लेकिन उन्हें कूटनीतिक क्षमताओं के...
बेहद अनोखी है इन 4 जगहों की होली
मथुरा-वृंदावन की होली
होली की बात हो तो सबसे पहला नाम मथुरा-वृंदावन का आता है। यहां फूलों की होली और लट्ठमार होली खेली जाती है। मथुरा-वृंदावन की यह होली दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है। इस दौरान यहां विदेशी सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। एक ह...
अब बच्चों को होगा प्रोडक्ट की गुणवत्ता का ज्ञान
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
शिक्षको को दी जा रही ट्रेनिंग
जिला के 50 राजकीय स्कूलों के शिक्षकों ने लिया कार्यक्रम में भाग
भिवानी (सच कहूँ /इन्द्रवेश)। भारतीय मानक ब्यूरो शाखा फरीदाबाद द्वारा भिवानी में एक विशेष क...
Titanic Real Story: डूबे टाईटैनिक की पहली तस्वीरें
10 अप्रैल 1912। ब्रिटेन के साउथैम्पटन बंदरगाह से टाइटैनिक जहाज अपने पहले और आखिरी सफर पर निकला। टाइटैनिक के बारे में कहा जाता था कि ये टाइटैनिक जहाज कभी डूब ही नहीं सकता। उस समय टाइटैनिक भाप (titanic real story) से चलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा जहाज थ...
Christmas Gifts : क्रिसमस का उपहार
क्रि समस के दिन करीब थे। सभी अपने रिश्तेदारों के लिए अच्छे कपड़े और उपहार खरीद रहे थे। इन दिनों मेरी बहुत उदास थी। उसके मन में भी अच्छे कपड़े पहनकर शहर घूमने की इच्छा थी परंतु यह सब होता कैसे? (Christmas Gifts ) मैरी के पिता गुजर गए थे। सिर्फ उसकी मां...
वैराग्य से जल्दी मिलता है परमात्मा
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि प्रभु कण-कण में मौजूद है। जहां तक निगाह जाती है, वो मालिक है और जहां निगाह नहीं जाती वहां भी मालिक है। लेकिन जो उसको पाने की कोशिश करते हैं, उन्हें ही वो नजर आता है। जो इन्सान सच्च...
सोने का खेत : अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर के महल में कई कीमती सजावट की वस्तुएं थीं, लेकिन एक गुलदस्ते से अकबर को खास लगाव था। इस गुलदस्ते को अकबर हमेशा अपनी पलंग के पास रखवाते थे। एक दिन अचानक महाराज अकबर का कमरा साफ करते हुए उनके सेवक से वह गुलदस्ता टूट गया। सेवक ने घबराकर उस गुलदस्ते ...
Chandrayaan 3 Update: चांद पर इसरो को मिली बड़ी सफलता, दुनिया में मची खलबली
India Moon Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में प्लाज्मा का पता लगाया है, जो अपेक्षाकृत विरल है। चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे हुए रेडियो ए...
Rangoli Design: ऐसे रंगोली डिजाइन, जो देखे, देखता ही रह जाए!
Rangoli Design: दिवाली से जुड़ी महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है घर को रंग-बिरंगी रंगोली से सजाना। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि घर को कितनी खूबसूरती से सजाया गया है, दिवाली पर, रंगोली ही है जो सबसे अलग दिखती है और उसे उत्सव का उत्तम माहौल प्रदान करती ...
महापरोपकार माह के उपलक्ष्य में कविता
नाच रहा ये जहां ..
डालू जिधर नजर रहमतों के भंडार खुले हैं ,
होकर खुशियों में बावले
आज हम अपने को भूले हैं ।
हमारी किस्मत बनाई ,
की तुम्हें पाकर धन्य हुए ।
आज चली महकती पुरवाई ,
जो हर दिल को छुए ।
नाच रहा है ये जहां ,
हलचल है दसों दिश...
अकेली लड़की
जी सुनती हो’ सुलभ ने शैलजा के लिए आवाज लगाई थी। ‘अभी आयीं।’ बोलिए, शैलजा कमरे में पहुँचते ही कहा था। ‘अरे भाई, कुछ पल तो अजीत के साथ भी बीता लो, बेचारा विदेश से आया है। जल्द ही लौट जाएगा, इतना समय कहां है। कोई घर आया है तो तुम्हें फुर्सत ही नहीं मिलत...