किसानों का मशीनीकरण खेती की ओर बढ़ता रुझान
सचकहूँ/लाजपतराय रादौर। रादौर क्षेत्र मे किसानों का मशीनीकरण खेती की ओर काफी रुझान बढ़ रहा हैं, जिससे अब किसानों के लिए मशीनीकरण से खेती करना आसान हो रहा हैं वही मशीनीकरण खेती से फसलों की बिजाई व मजदूरी में भी किसानों को काफी लाभ मिल रहा हैं। किसानों का कहना हैं कि पहले सयुंक्त परिवार होने के चलते खेती करना आसान था लेकिन जब से एकल परिवार हुए हैं तो खेती करना मुश्किल गया था लेकिन अब खेती का भी मशीनीकरण होने से उन्हें काफी लाभ मिला है अब अकेला व्यक्ति भी मशीन के द्वारा फसल की बिजाई करने से लेकर फसल तैयार होने पर उसे मंडी तक ले जा सकता हैं। जिसके लिए अब ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता नही पड़ती। मशीनीकरण से पूर्व उन्हें काफी परेशानियों के साथ भारी मजदूरी भी वहन करनी पड़ती थी कृषि क्षेत्र में बढ़ते मशीनीकरण से उन्हें अब काफी राहत मिली हैं।
गेहूं बिजाई की बुकिंग लगातार आ रही हैं: मशीन मालिक
वही सुपर सीडर मशीन द्वारा किराए पर गेहूं की बिजाई कर रहे मशीन मालिक कर्ण कम्बोज व गौरव ने बताया कि उन्होंने ये मशीन इसी बार ली हैं और मशीन से काफी किसानों द्वारा उनके पास गेंहू बिजाई किए जाने की बुकिंग आ रही व अब तक वे सैकड़ों एकड़ में मशीन द्वारा बिजाई कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह मशीन काफी किफायती हैं और बेहतरीन भी जो धान के फानो वाले खेत को आसानी से स्मूथकर खेत में बीज डालने का काम करती हैं। जिससे एक दिन में कई एकड़ में गेहूं की बिजाई की जा सकती हैं।
गेहूं की बिजाई करना हुआ आसान-किसान
गांव बुबका के युवा किसान प्रवेश व विकास ने बताया कि उन्होंने धान की फसल की कटाई कम्पेन मशीन से करवाई हैं वही अब गेंहू की बिजाई भी सुपर सीडर मशीन द्वारा की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें गेंहू की बिजाई को लेकर एक एकड़ खेत तैयार करने में ही 3 से 4 हजार का खर्च वहन पड़ता था ओर पूरा दिन खेत को तैयार करने में लग जाता था जिसके लिए कई मजदूरों की भी जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब गेंहू की बिजाई मशीन द्वारा किया जाना उनके लिए काफी लाभकारी साबित हो रही हैं जिसके द्वारा किसान एक दिन में कई एकड़ में गेंहू की बिजाई कर रहे हैं वही एक एकड़ की बिजाई पर केवल 2 हजार रुपये का खर्च आ रहा हैं।
गेहूं की ज्यादातर बिजाई मशीन से की जा रही हैं: अग्रवाल
रादौर खंड कृषि अधिकारी राकेश अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर खोंले गए हैं जिनमें ये मशीनें किसानों के लिए किराये पर गेहूं बिजाई के लिए उपलब्ध हैं जोकि कस्टम हायरिंग सेंटरों में 80 फीसदी सब्सीडी पर किसानों को उपलब्ध करवाई गई हैं। वहीं अगर कोई किसान ये मशीन खरीदना चाहता है तो उसे विभाग की ओर से 50 फीसदी सब्सीडी दी जाती हैं।
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