हताश किसान नरमे की खड़ी फसल पर चला रहे ट्रेक्टर | Gulabi Sundi
गोरीवाला (सच कहूँ/अनिल)। नरमे की बुआई के समय बरसात उचित समय पर हुई, जबकि फसल पकने के अंतिम कगार पर जाकर गुलाबी सुंडी (Gulabi Sundi) ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फसल की पकाव के समय को ध्यान में रखते हुए किसानों ने उच्च क्वालिटी की पेस्टिसाइड व कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव निरंतर जारी रखा। अंतिम पड़ाव पर जाकर किसान की अरमान चकनाचूर हो गए।
जिससे हताश होकर 10 फु ट की ऊंचाई के नरमे की बुआई कर दी गई। गुलाबी सुंडी (Gulabi Sundi) होने के कारण मजदूर कटाई करने के लिए तो सहमत हो जाते है, परंतु नरमे की लकड़ियों को ट्राली में भरने के लिए आनाकानी करते है। गुलाबी सुंडी से निजात पाने के लिए किसानों ने करीब 7 स्प्रे उत्तम क्वालिटी का छिड़काव किया। परंतु गुलाबी सुंडी की भरमार निरंतर बढ़ती चली जा रही है। किसान इससे पूरी तरह से हताहत हो गए है। किसान रवि कुमार ने बताया की चार एकड़ में शुरूआती दौर में नरमे की फसल बहुत अच्छी पैदावार देने के लिए तैयार थी।
जैसे-जैसे नरमा पकाव की तरफ गया तो किसान के चेहरे खिले हुए थे। कुछ उम्मीदें भी बढ़ने लगी थी। जैसे ही अचानक पौधे पर लगे टिंडे पकाव की तरफ अग्रसर होने लगे तो उसमें गुलाबी सुंडी की भरमार हो गई। जिसको नष्ट करने के लिए महंगी स्प्रे आदि की गई। एक नहीं बल्कि 7-7 स्प्रे कर दी गई। लेकिन गुलाबी सुंडी पर इसका बिल्कुल भी असर नहीं दिखाई नहीं दे रहा। अनेक प्रकार के गुलाबी सुंडी से बचाव के उपचार किए गए, परंतु गुलाबी सुंडी का कहर निरंतर जारी रहा। जिसे हताश होकर मजदूरों द्वारा लड़कियों की पटाई न करने के चलते करीब 10 फीट ऊंचाई के नरमें को ट्रैक्टर के द्वारा जमीन में ही बुआई कर दी गई।
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