महम विधायक बलराज कुंडू का ऐलान : अध्यादेश रद्द नहीं तो दो अक्टूबर से महम चौबीसी चबूतरे पर शुरू करेंगे भूख हड़ताल
चंडीगढ़ (सच कहूँ/नवीन मलिक)। कृषि अध्यादेश के विरोध में रविवार को विभिन्न किसान संगठनों ने प्रदेश भर में सड़कों पर जाम लगाया। जाम के चलते सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा और रूट बदलकर वाहनों को दूसरी तरफ से निकाला।
रोहतक जिले में महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के नेतृत्व में किसान गांव बहुअकबपुर के पास सड़क पर उतरे और करीब तीन घंटे तक जाम लगाए रखा। इसी तरह गांव ब्राहमणवास, जसिया, रूखी के पास भी किसानों ने जाम लगाया और कृषि अध्यादेश के खिलाफ विरोध जताया। महम विधायक बलराज कुंडू ने सता व विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि जो अन्नदाता का नहीं वह किसी का भी नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस काले कानून के विरोध में आज किसान, आढ़ती, मजदूर सड़क पर आंदोलन करने पर मजबूर है, लेकिन सरकार को कोरपोरेट घरानों की चिंता है और उनके हक में ही कानून बना रही है। कृषि अध्यादेश के लागू होने से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और जमाखोरी व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि कृषि अध्यादेश से किसानों का फायदा होगा, लेकिन यह नहीं बता रही है की वह फायदा कैसे होगा। सरकार एमएसपी पर कानून क्यों नहीं बनाती है और किसानों को गारंटी देने से क्यों पीछे हट रही है। विधायक ने चेताया कि अगर सरकार ने 11 दिन में इस बिल में कमियों को दूर नहीं किया तो दो अक्टूबर से महम चौबीसी चतूबतरे पर भूख हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने किसान, मजदूर, व्यापारी, आढ़ती से सरकार के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। इसके अलावा किसानों ने सरसा जिले के गांव पंजुआना में नेशनल हाइवे पर, हिसार में टोल प्लाजा पर, जींद जिले के गांव अलेवा में जींद-असंध मार्ग पर रोड जाम किया।
वहीं फतेहाबाद में टोहाना खंड के गांव कन्हेड़ी व समैन में बस स्टैंड पर किसानों ने जाम लगाया। टोहाना बस डिपो ने हिसार जाने वाली सभी बस सेवाओं को रोक दिया गया है। भिवानी में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान मुंढाल पार्क में एकत्र जाम लगाया। इसके अलावा कैथल, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत, झज्जर, फरीदाबाद, गुरुग्राम सहित विभिन्न जिलों में भी किसान सड़कों पर उतरे। किसानों का कहना है कि जब तक ये अध्यादेश वापिस नहीं होंगे, वे पीछे नहीं हटेंगे। इसी बीच केन्द्र सरकार ने अध्यादेशों को राज्यसभा में भी पास करवा लिया है। अब सिर्फ राष्टÑपति के हस्ताक्षर बाकी हैं, जिसके बाद ये कानून का रूप ले लेंगे।
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