नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का वीरवार को 85वां दिन है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में किसानों के साथ विपक्षी पार्टियों ने रेल रोकी। यह सिलसिला शाम 4 बजे तक चलेगा। किसान नेताओं ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। साथ ही जनता तक अपनी बात भी पहुंचाना चाहते हैं। किसी को परेशान करना उनका मकसद नहीं है। इसलिए ट्रेन में सफर कर रहे बच्चों के लिए दूध-पानी के इंतजाम किए गए हैं। हरियाणा में नरवाना, दादरी के पातुवास, सोनीपत के रेलवे स्टेशन, हिसार के रामायण, सरसा, फतेहाबाद, कैथल, जीन्द, रोहतक, झज्जर, पानीपत, करनाल सहित विभिन्न जिलों में किसान रेलवे ट्रैकों पर धरना लगाकर बैठे हैं।
सात और किसानों को मिली जमानत
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 7 और किसानों को जमानत मिल गई।
भाजपा नेताओं को न्यौता देने वालों को मिलेगा दंड
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि शादी समारोह में भाजपा नेताओं को न्यौता देने वालों पर दंड लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पगड़ी की लड़ाई है, हमें अपनी जमीन और इज्जत बचानी है, इसलिए हम इस आंदोलन को मजबूती के साथ लड़ने का काम करेंगे।
एक और किसान की मौत
सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत हो गई। मृतक की पहचान गांव बैंय्यापुर निवासी राजेन्द्र सरोहा (70) के रूप में हुई है।
रेलवे ने 20 हजार अतिरिक्त जवान किए तैनात
किसानों के रेल रोकने के ऐलान को देखते हुए देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 20 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं। इनमें से ज्यादातर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया है।
किसान नेता बोले-कानून वापसी से पहले घर वापसी नहीं
किसान इस बात पर अडिग हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चंढूनी ने एक बार फिर कहा है कि उनका संगठन किसानों के हितों के लिए लड़ रहा है और नए कृषि कानूनों की वापसी तक वे अपने घरों को नहीं लौटेंगे।
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