डेयरी किसान सरकार से काफी परेशान, धरना दूसरे दिन में प्रवेश
लुधियाना। (सच कहूँ/रघबीर सिंह) प्रगतिशील डेयरी किसान संघ (पीडीएफए), भारती किसान संघ (कादियान) और अन्य यूनियनों के सदस्यों का फिरोजपुर रोड पर वेरका दूध संयंत्र के बाहर अनिश्चितकालीन धरना वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। राज्य सरकार पर उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए किसान बुधवार को यहां फिरोजपुर रोड पर वेरका दूध संयंत्र के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे। बीकेयू (कादियान) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि डेयरी किसानों की मांगों को पूरा करने में विफल राज्य सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने डेयरी किसानों को दूध खरीद मूल्य बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही। राज्य सरकार ने पहले वादा किया था कि किसानों को दूध में 55 रुपये प्रति किलो वसा का भुगतान किया जाएगा। जिसमें से 20 रुपये प्रति किलो वसा मिल्कफेड द्वारा दिया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार ने शेष 35 रुपये प्रति किलो वसा का भुगतान करने से इनकार कर दिया। नतीजतन, डेयरी किसान सरकार से काफी परेशान हैं। कादियान ने दावा किया कि राज्य में ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) के कारण करीब एक लाख गायों की मौत हो चुकी है।
उन किसानों के लिए कोई मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है जिनकी गायों की बीमारी से मृत्यु हो गई है। सरकार द्वारा हर साल गाय उपकर की वसूली के बावजूद बीमारी के कारण मरने वाले मवेशियों को दफनाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में किसानों को जानवरों के शवों को दफनाने के लिए जेसीबी मशीनों से गड्ढे बनाने के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च करने को मजबूर होना पड़ता है। लम्पी त्वचा रोग के फैलने के बीच दूध उत्पादन में भी 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने न तो उन किसानों के लिए किसी मुआवजे की घोषणा की, जिनकी गायें एलएसडी से मर गईं और न ही उनके लिए दूध खरीद के लिए कोई उचित मूल्य तय किया। बीकेयू के प्रदर्शनकारी सदस्यों ने सरकार से उन किसानों को मुआवजा देने की मांग की है जिनके मवेशियों की बीमारी से मौत हुई है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।