आक्रोषित किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने छोड़ी पानी की बौछारें
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कईयों को पुलिस ने लिया हिरासत में, बाद में छोड़े
झज्जर (सच कहूँ/संजय भाटिया)। डिप्टी सीएम दुष्यन्त चौटाला को एक बार फिर कृषि कानूनों से आक्रोषित किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ी। किसान अपने हाथों में काले झंडे लेकर दुष्यन्त चौटाला का विरोध करने पहुंचे थे। यहां शहर के नेहरू कॉलेज में डिप्टी सीएम दुष्यन्त चौटाला का कार्यक्रम था। उन्हें यहां कॉलेज के सभागार में एक कार्यक्रम में शामिल होना था। जिसके लिए समय भी 11 बजे निर्धारित किया गया था। लेकिन दुष्यन्त के आने से पहले ही किसान काफी संख्या में यहां पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने पहले ही मामले की गंभीरता को भांपते हुए पुलिस बल का इंतजामात किया हुआ था।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगाया गया था। वाहनों का रूट भी डायवर्ट किया गया था। बैरिकेटस लगाकर किसानों को रोकने का प्रयास भी किया गया था। लेकिन पुलिस के इंजामात को धता बताते हुए समय से पहले ही किसान अपने हाथों में काले झंडे लेकर पहुंच गए। इनमें महिलाएं भी काफी संख्या में शामिल थी। लेकिन पुलिस ने इन्हें कैमलगढ़ गांव के पास रोक लिया। यहां पुलिस व किसानों के बीच आमना-सामना भी हुआ और पुलिस को हलका बल भी प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने किसानों को मौके से खदेड़ने के लिए वाटर केनन का भी प्रयोग किया। लेकिन किसानों का विरोध फिर भी शांत नहीं हुआ। मामले की गंभीरता को भांपते हुए जिला पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल व डीसी श्याम लाल पूनिया ने हस्तक्षेप किया।
बाद में किसानों व अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के दौरान फैसला लिया गया कि डिप्टी सीएम के आगमन के दौरान किसानों में से 15 किसान अपने हाथों में काले झंडे लेकर वहां विरोध के लिए पहुंचेंगे और बाद में काले झंडे दिखाने के बाद वापिस लौट आएंगे। हुआ भी ऐसा ही। किसानों द्वारा विरोध किए जाने के बाद वह वापिस चले गए। इसी बीच गिरफ्तार किए गए किसानों को पुलिस ने डिप्टी सीएम का कार्यक्रम खत्म होने के बाद छोड़ दिया गया। यहां कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम ने नेहरू कॉलेज के सभागार में सेल्फ हैल्प गु्रप के सदस्यों को बायो मेंट्रिक यंत्र उपलब्ध कराए जाने के बाद कार्यक्रम का समापन कर दिया गया।
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