बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा न देने का आरोप, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
लुधियाना (सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल)। संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने महानगर में डीसी कार्यालय के समक्ष धरना दिया। इस दौरान किसानों ने बाढ़ से फसलों की बर्बादी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान नेता गुरप्रीत सिंह ने कहा कि आज हालात ये बन चुके है कि किसान सड़कों पर परेशान हो रहे हैं। बाढ़ के कारण किसानों के सिर से छत और खेतों से फसल चली गई। Ludhian News
पंजाब सरकार कई बार ऐलान कर चुकी है कि बाढ़ से पीड़ित किसानों को मुआवजा देंगे, लेकिन अभी तक किसी को मुआवजा नहीं मिला है। 11 से 13 सितंबर तक सभी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के घरों के बाहर 3 दिन के लिए वह धरना लगा चुके है। आज उन्होंने डिप्टी कमिश्नर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम मांग पत्र दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रति किला 50 हजार रुपए, 1 लाख रुपए शहीद किसान के परिवार और 5 लाख रुपए बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए मकान मालिक को दे। केन्द्र सरकार अभी तक मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को 18 हजार एकड़ जमीन का मुआवजा भेज चुकी है, लेकिन मान ने रुपए अभी किसी को नहीं दिए। Ludhian News
सरकार को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करनी चाहिए। यदि इस संघर्ष के बाद भी सरकार नहीं जागती को मजबूर होकर किसानों को सड़कों पर आना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेवार सरकार होगी। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली से जो अगली बैठक में रणनीति होगी उस पर काम कर सरकार का विरोध किया जाएगा। सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि प्रति एकड़ 6800 प्रति रुपए बहुत कम है। कई ऐसे खेत है जहां कम से कम 2 साल तक पैदावार नहीं हो सकती। Ludhian News
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