553 किलोमीटर लम्बी सीमा 220 गांवों की बर्बादी का बनी कारण : रघबीर सिंह
1990 में कंटीली तार लगने से 21600 एकड़ जमीन बर्बाद
फिरोजपुर(सतपाल थिन्द)। पंजाब बार्डर एरिया किसान वेलफेयर सोसायटी ने मांगों को लेकर डीसी कार्यालय के समक्ष धरना लगाया। धरने का नेतृत्व कर रहे रघबीर सिंह भंगाला पंजाब प्रधान ने बताया कि सन् 1947 में हिंद-पाक का बंटवारा होने के कारण 553 किलोमीटर लम्बी सीमा 220 गांवों की बर्बादी का कारण बनी। 1990 में बार्डर पर कंटीली तार लगने से 21600 एकड़ जमीन तार से आगे जाने कारण खेती न हो पाने के कारण बर्बाद हो गई।
सीमावर्त्ती किसानों की यह जमीन अदालत द्वारा प्रतिबंधित खेती जमीन घोषित की गई जो कि बीएसएफ के कंट्रोल में आज भी चल रही है। रघबीर सिंह भंगाला ने बताया कि 220 गांव सीमा के कई बार पाकिस्तान से हुई लड़ाई व टकराव के कारण बर्बाद हो चुके हैं, अपना घर का सामान, मकान तक बर्बाद कर चुके हैं, अपनी जिंदगी दयनीय हालात में गुजार रहे हैं। इस मौके बड़ी संख्या में सीमावर्त्ती गांवों के निवासी उपस्थित थे।
जायज मांगों को जल्द पूरा करने की मांग
संगठन ने मांग करते कहा कि पंजाब के 6 जिलों के सीमावर्त्ती 220 गांवों व किसानों की बनतीं जायज मांगों को सरकार जल्द बैठ कर हल करे न कि स्पैशल सुविधाएं देने की बजाय बर्बादी के लिए मजबूर करे। यदि यह मांग मुख्य मंत्री ने डिप्टी कमिशनर फिरोजपुर के द्वारा बैठ कर हल करने के लिए न सोचा तो वह आगामी कार्यवाही के तौर पर सीएम के घेराव या भूख हड़ताल करने के लिए मजबूर होंगे।
किसानों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग
अदालती ओदेशों के अनुसार इस जमीन के बदले किसानों को ओर जमीन अलॉट करने या एक्वायर करने संबंधी अदालत में सरकार से पूछा तो बीएसएफ ने अपने हलफीया बयान दायर करवाए, जिसमें खेती करवाने के लिए कहा, परंतु किसानों द्वारा खेती नहीं करना चाहते हुए भी आदेशों के तहत खेती करने का मजबूर हंै व गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उच्च अधिकारी बीएसएफ से लिखित मांग कर रहे हैं
कि खेती करवाने के लिए प्रतिदिन लड़ाई-झगड़े व बीएसएफ से निपटने के लिए खेती करने के यूनीफॉर्म रूल्ज बीएसएफ, किसान व सरकार मिलकर बनाए। रघबीर सिंह ने कहा कि इस मांग पर अमल न होने के कारण 16 जुलाई को बीएसएफ गेट पर बीएसएफ द्वारा खेती रोकने समय किसानों की हुई पनीरी की बर्बादी को लेकर खर्च किसानों को बर्दाश्त करना पड़ा व खेती करने की मांग करने व बीएसएफ ने कई धाराओं के तहत 6 किसानों के पर एफआईआर थाना खेमकरन में दर्ज करवा दी है, जिसे जल्द से जल्द रद्द किया जाये।
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