मार्च दौरान सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर जताया रोष
महल कलां। केंद्र व राज सरकार की गलत नीतियों के कारण पंजाब के किसानों का कृषि का धंधा व फसलों के सही मूल्य न मिलने कारण अपने पर सिर चढ़े कर्जाें को देखकर आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर हो रहे हंै।
जिन्हें रोकनो में सरकार बुरी तरह फैल हो चुकी हैं। उपरोक्त शब्द लोकतांत्रिक किसान सभा पंजाब के प्रांतीय नेता मास्टर मलकीत सिंह वजीदके, जिला प्रधान नेहाल सिंह दसौदा सिंह वाला, जनरल सचिव मास्टर जसपाल सिंह महल कलां व अमरजीत सिंह ने जवानी व किसानी को बचाने व जीएसटी के विरोध में गंगहोर, नेहालूवाल, बाहमणिया, कुतबा, लोहगड़, हरदासपुरा, छापा, पंडोरी आदि गांवों में निकाले मार्च उपरांत गांव महल खुर्द में सरकारों की अर्थी फूंकने मौके किसानों के जनसमूह को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि पहले ही जीएसटी लागू करके आत्महत्याआें के रास्ते पड़े किसानों पर ओर बोझ डाल दिया है, जिससे खादें, कीड़ेमार दवाएं व खेती यंत्रों की कीमत में विस्तार हो गया है। इस मौके बलदेव सिंह, गुरदेव सिंह, नायब सिंह, हरबंस सिंह, प्रीतम सिंह, रूप सिंह व प्रीतम सिंह आदि के अलावा बड़ी संख्या किसान उपस्थित थे।
ये रखी मांगे
पार्टियों द्वारा चुनावों दौरान किसानों के साथ सत्ता में आने उपरांत पूरे कर्ज माफ, फसलों के भाव स्वामी नाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार लागू करने व कृषि को बचाने के लिए व अन्य सुविधाएं देने के वायदे किए थे परंतु सत्ता पर काबिज होने के बाद केंद्र व राज सरकार ने अपने किए वायदों को को पूरा करने की बजाय जीएसटी लागू कर किसानों पर ओर भी भार डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकारें जागीरदार कॉपोर्रेट घरानों के हितों की चौकीदारी करने में लगीं हुई। नेताओं ने मांग की है कि किसानों के हर तरह के कर्जाें पर लकीर मारी जाए।
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