Farmers Protest: ट्रैक्टरों के काफिले के साथ पहुंचे किसानों को प्रशासन ने रास्ते में रोका
संगरिया (सच कहूँ न्यूज/सुरेन्द्र जग्गा)। संगरिया रतनपुरा किसान आंदोलन-2 को शुरु हुए 6 दिन हो गए हैं। लेकिन अभी भी किसान राजस्थान-हरियाणा के रतनपुरा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान अपनी मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। Sangaria News
इसी प्रयास को जारी रखते हुए अपने विरोध-प्रदर्शन में शनिवार को किसान लगभग 30 ट्रैक्टरों के साथ सैकड़ों की संख्या में किसानों का जत्था संगरिया-हनुमानगढ़ रोड पर नगराना गांव के पास बने टोल प्लाजा को फ्री करवाने के लिए निकला। यहां रतनपुरा कैंची पर पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन किसान नहीं माने। वह अपनी जिद्द पर अड़े रहे। प्रशासनिक अधिकारियों ने जब ट्रैक्टर ट्रॉलियों को आगे जाने से रोका तो किसान अपने ट्रैक्टर वहीं छोड़कर पैदल ही टोल प्लाजा तक पहुंचे और इस प्रकार दो घंटे टोल प्लाजा से गुजरने वालों की टोल कर्मियों को पर्ची नहीं काटने दी गई। इसमें संगरिया और टिब्बी तहसील की अलग-अलग जत्थेबंदियों ने हिस्सा लिया।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार पंजाब और हरियाणा की हदबंदी को पाकिस्तान का बॉर्डर बनाने का काम कर रही है। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर शिव भगवान बिश्नोई, महंगासिंह सिद्धू, सुखजिंद्र सिंह, करनैल किंगरा, गुरतेज सिंह, रेशम, दर्शन, अनिमेष, सुखजीत, बाबूसिंह, चरणजीत सिंह, रवि जाखड़, इंद्रजीत, हरिकृष्ण राहड़, चंद्रशेखर, दलीप छिम्पा, जेपी चाहर रवि जोसन सहित कई अन्य किसान प्रतिनिधि और किसान मौजूद थे। Sangaria News
धरनास्थल पर पहुंची अस्थि कलश यात्रा | Sangaria News
किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से मारे गए किसान शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा बीती रात रतनपुरा कैंची पर स्थित किसानों के धरना स्थल पर पहुंची। यहां से यह यात्रा संगरिया और टिब्बी के विभिन्न गांवों में जा रही है। युवा किसान नेता महंगा सिंह ने बताया कि यह यात्रा राजस्थान के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तामिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गुजरात राज्यों में भी निकाली जाएगी। यह यात्रा संगरिया तहसील के गांव इंद्रगढ़ से शुरू होकर गांव-गांव जाएगी और इस दौरान लोगों को केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
इसके अलावा किसानों की मांगों के समर्थन में आगे आने को प्रेरित किया जाएगा। किसान नेताओं ने आगे बताया कि हरियाणा में अस्थि कलश यात्रा के दौरान 22 मार्च को हिसार जिले के ऐतिहासिक स्थान माजरा पिआउ में और इसके बाद 31 मार्च को अंबाला के मौड़ा मंडी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा। इन समारोहों में भारी संख्या में किसान हिस्सा लेंगे। Sangaria News
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