यूपी, बंगाल में मिल रही है आलू की दोगुनी कीमत

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कोलकाता (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किसानों को आलू की दोगुनी कीमत मिल रही है। इससे दोनों राज्यों की सरकारों को भी काफी राहत मिली है। अभी आलू की नई फसल के लिए किसानों को 9-10 प्रति किलो का भाव मिल रहा है। पिछले साल कीमत 4.5-5 रुपये किलो थी। पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतों में तेजी ममता बनर्जी सरकार को आगामी पंचायत चुनाव में फायदा पहुंचा सकती है।

इसका फायदा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को भी होगा। पिछले साल आलू की कीमतों में कमी की वजह से प्रदेश सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस साल आलू की पैदावार कम रहने के आसार हैं। इसकी खेती इस साल कम एरिया में हुई है और प्रति एकड़ पैदावार में भी कमी आई है। उत्तर प्रदेश के किसानों और ट्रेडर्स का अनुमान है कि इस साल आलू की पैदावार में 30 पर्सेंट की कमी आएगी। पिछले साल बंपर पैदावार हुई थी और आलू की पैदावार 160 लाख टन पहुंच गई थी।

2017 में बंगाल में 110 लाख टन आलू हुआ था। पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज असोसिएशन के अध्यक्ष पतित पबन डे ने कहा, ‘इस साल आलू की पैदावार लगभग 95 लाख टन हुई है। कोल्ड स्टोरेज आलू से भर गए हैं। इनकी 90 पर्सेंट स्टोरेज कपैसिटी का इस्तेमाल हो रहा है। आलू किसानों को इस बार अच्छी कीमत मिली है। आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में यहां के आलू की ज्यादा मांग है।’

बंगाल के ट्रेडर्स का मानना है कि मई में आलू की कीमत खुदरा बाजार में 40 पर्सेंट तक बढ़ सकती है। अभी खुदरा बाजार में यह 14 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। मई में यह 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है। बंगाल सरकार ने अभी तक पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन इनके अप्रैल के आखिर और मई की शुरूआत में होने की उम्मीद है।