राहगीर परेशान, अनिश्चितकालीन धरने में फंसे सैकड़ों वाहन चालक
अबोहर (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा)। सरकार चाहे कोई भी आई हो हमेशा की तरह किसान करीबन दो वर्षों से सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हुआ है। आज भी नहरी विभाग द्वारा लंबी माइनर में की गई 7 दिन की नहरबंदी के रोषस्वरुप संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों द्वारा मंगलवार सुबह 9 बजे से राजस्थान को जाने वाले मुख्य मार्गों पर चक्का जाम कर दिया गया है। किसानों द्वारा राजस्थान को जाने वाले गांव गिदड़ांवाली, राजपुरा, बजीदपुर भोमा और दोदेवाला हाईवे पर धरना लगाकर प्रशासन और नहरी विभाग के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया जा रहा है।
किसानों द्वारा किए चक्का जाम से वाहन चालकों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक नहरों में पानी नही छोड़ा जाएगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसानों के चक्का जाम की सूचना मिलने पर विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को कुछ मात्रा में पानी छोड़ने का आश्वासन दिया। लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे और धरना प्रदर्शन जारी है। इस संबंधी जानकारी देते हुए किसान नेता सुभाष गोदारा, विनोद डूडी, सुखविंदर राजेवाल, जगजीत सिद्धूपुर, निर्मल सिंह, गुरमेल सिंह, सुखमंदर सिंह, राजन सिंह, गगनदीप सिंह, बेअंत राम, सुनील ढुडी, साहब राम, सुधीर डेलू, सुधीर रिणवा सहित आदि किसानों ने बताया कि पिछले महीने जब सरहिंद फीडर में कटाव आया था ।
कटाव को भरवाकर पानी छुड़वाने के लिए किसानों को करना पड़ा था कड़ा संघर्ष
अभी कुछ दिन ही पानी नहरों में चला है कि विभाग द्वारा फिर से 7 दिन की बंदी की घोषणा कर नहरों में पानी बंद कर दिया है। जिससे किसानों व बागबानों में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही से पहले नहर में कटाव आया था तो उनकी बाग की फसल बर्बाद हो गई थी, लेकिन अब जब पानी की बहुत अधिक जरुरत है तो उस समय विभाग द्वारा नहरबंदी कर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है।
नहरों में पानी न होने के कारण किसानों की नरमे की बिजाई बीच में ही अटकी हुई है, वहीं नरमे की खड़ी फसल को भी पानी की बहुत जरुरत है। इसके अलावा किन्नू के बाग व अन्य फसलों के लिए भी नहरी पानी की बेहद आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि किसानों का पहले हुए नुकसान की अभी भरपाई नही हुई है कि अब फिर से नहरबंदी कर किसानों को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। इसलिए अब किसान चुप नहीं बैठेंगे। जब तक उनको पानी नही मिलेगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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