कीटनाशक का छिड़काव करने में जुटे किसान
ओढां(सच कहूँ/राजू)। बरसात के बाद नरमे-कपास की फसल पर सफेद मच्छर व तेले का प्रकोप देखा जा रहा है। किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव में जुटे देखे जा रहे हैं। नुहियांवाली के किसान लीलाधर शर्मा, सीताराम नेहरा, सुनील सहारण, डॉ. जगदीश सहारण, रणवीर, दलीप नेहरा व आशाराम ने बताया कि बरसात के बाद नरमे की फसलों में रोगों ने दस्तक दे दी है। इस समय सफेद मच्छर व तेले का काफी प्रकोप है। नरमे के पते काले पड़कर सिकुड़ने शुरू हो गए हैं।
जिसके चलते नरमे के उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ग्वार की फसल में जड़ गलन व फंगस की भी शिकायतें हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में बरसात न होने की वजह से किसानोंं ने कई-कई बार नरमे की बिजाई की थी और अब अधिक बरसात आफत बन गई है। ओढां खंड से कृषि विभाग के सहायक तकनीक अधिकारी रमेश सहु ने बताया कि बरसात के बाद सफेद मच्छर, थ्रीप्स व हर तेले का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे में किसान बिना जानकारी के दवा विक्रेताओं की राय पर छिड़काव न करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि फसलों पर सफेद मच्छर व तेले के अलावा कुछ जगहों पर गुलाबी सुंडी की भरमार का भी होना सामने आ रहा है।
बिना जानकारी के अंधाधुंध छिड़काव करने से बचें किसान: सहु
सहायक तकनीक अधिकारी रमेश सहु ने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि किसान एकदम से अंधाधुंध छिड़काव करने से परहेज करें तथा एक साथ 2 या 3 कीटनाशक मिलाकर छिड़काव करने से बचें। उन्होंने बताया कि गुलाबी सुंडी, सफेद मच्छर व थ्रीप्स से बचाव के लिए 600 एमएल प्रफेनोफोस दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। जहां सफेद मच्छर की अधिक शिकायत है वहां 400 एमएल लेनो या 80 एमएल उलाला दवा का प्रयोग करें। वहीं हरे तेले से बचाव के लिए 80 ग्राम एक्टारा दवा का छिड़काव करें।
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