यूपी में भाजपा को भारी न पड़ जाए किसानों की नाराजगी

BJP In UP

केन्द्रीय मंत्री और विधायकों को शामली के गाँव में झेलना पड़ा भारी विरोध

  • पार्टी से खाप प्रतिनिधि भी बना रहे दूरी

शामली (एजेंसी)। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की राह मुश्किल होती दिख रही है। गांव में लोग अब खुल कर भाजपा सांसदों और विधायकों का विरोध करने लगे हैं। इसका ताजा नमूना उस वक्त देखने को मिला जब नए कृषि कानूनों के फायदे बताने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को शामली में भारी विरोध झेलना पड़ा। शामली के किसानों ने भैंसवाल में संजीव बालियान और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने मंत्री के काफिले के आगे ट्रैक्टर लगाकर गांव में घुसने से रोक दिया। विरोध से गुस्साए संजीव बालियान ने कहा है कि 10 लोगों के विरोध करने से और मुर्दाबाद कहने से मैं मुदार्बाद नहीं हो जाऊंगा। बढ़ते विरोध को देख मंत्री का काफिला गांव से वापिस लौट गया।

दूसरी ओर बुडीना खाप चौधरी बाबा सचिन ने कहा कि मंत्रियों के मिलने की बात सामने आ रही है, लेकिन हमारा यह कहना है कि कोई भी सत्तापक्ष का मंत्री हमसे मिलने की कोशिश न करे, अगर कोई बात करनी भी है, वे संयुक्त किसान मोर्चा से बात करे, हम किसानों के साथ ही रहेंगे। बता दें कि शामली में रविवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विधायक उमेश मलिक, राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह समेत कई बीजेपी नेता अपने काफिले के साथ खाप चौधरियों से मिलने के लिए पहुंचे थे।

किसान अपनी बात पर अडिग

गौरतलब है कि तीन महीने से नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने और एमएसपी की गारंटी संबंधी कानून की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बावजूद अभी तक बात नहीं बनी है। एक वक्त खत्म होता दिख रहा आंदोलन 28 जनवरी को राकेश टिकैत के आंसू से फिर जीवंत हो गया। अब हर कोई कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है।

दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां भी मौका बुनाने में पीछे नहीं हैं। किसान संगठनों के अलावा आरएलडी, कांग्रेस और सपा ने पश्चिमी यूपी में कई किसान महापंचायतें की। इन महापंचायतों में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। किसानों की गोलबंदी से बीजेपी बेचैन हो गई और खुद गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी नेताओं को गांव-गांव जाकर कृषि कानून के फायदे बताने का निर्देश दिया।

 

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