नई दिल्ली(सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानो को समर्थन देने के लिये किसानो के जत्थे सोमवार को भी यहां से रवाना हुये। (Wrestlers protest at Jantar Mantar) संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के कार्यकर्ता ‘ये बेटियों का मामला है’ की भावुक अपील के साथ गांव गांव जाकर लोगों से समर्थन जुटाने की अपील कर रहे हैं। रविवार को उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के किसानों के झंडे लगी कारों पर सवार जत्थे दिल्ली से वापस लौटते समय गजरौला से गुजरते हुए दिखाई दिए थे। रविवार की तरह किसानों के जत्थों का दिल्ली कूच सोमवार को भी जारी रहा।
#WATCH | Farmers break through police barricades as they join protesting wrestlers at Jantar Mantar, Delhi
The wrestlers are demanding action against WFI chief and BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh over allegations of sexual harassment. pic.twitter.com/k4d0FRANws
— ANI (@ANI) May 8, 2023
वहीं पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जंतर-मंतर पर पहुंचे सैकड़ों किसान आज बेकाबू हो गए और उन्होंने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ डाले। पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह बेटियों के मान सम्मान से जुड़ा मसला: नरेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) चढूनी के नेता चौधरी नरेश ने बताया कि यह बेटियों के मान सम्मान से जुड़ा मसला है। इससे किसी तरह स्वीकार नहीं किया जाएगा। ओलिंपिक और एशियाई खेलों में मेडल जीत हासिल कर भारत देश का गौरव बढ़ाने वाली ऐसी बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली में जो धरना चल रहा है उसके समर्थन में न केवल पश्चिम उत्तर प्रदेश के बल्कि तराई क्षेत्र उत्तराखंड से भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान भारी संख्या में दिल्ली कूच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी हर दिन अपने आत्मसम्मान के लिए संघर्षरत हैं।
सरकार को देशहित में बेटियों के संघर्ष को समझ कर उसका सम्मानजनक हल निकालना चाहिए। गौरतलब है कि अमरोहा को किसान यूनियन का गढ़ माना जाता है। रविवार को यहां से काफी तादाद में किसान दिल्ली जंतर मंतर गए थे। वहां से वापस लौट कर किसान नेताओं ने बताया कि बेटियों के सम्मान की बहाली के लिए सरकार से त्वरित कदम उठाने के आहृवान करते हुए फैसला हुआ था कि यदि 21 मई तक कोई समाधान नहीं निकलता है तो फिर महापंचायत बड़ा फैसला लेने के लिए बाध्य होगी।