केन्द्र सरकार से तीनों बिलों को वापिस लेने की मांग (Farmers Agitation)
सच कहूँ/राजेन्द्र दहिया फरीदाबाद। दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। शुक्रवार को आंदोलन का समर्थन करने किसान पलवल से फरीदाबाद के बदरपुर बॉर्डर जा रहे थे, लेकिन फरीदाबाद पुलिस ने उन्हें फरीदाबाद में घुसने नहीं दिया। जिसके बाद गुस्साए किसान सीकरी बॉर्डर पर ही धरने पर बैठ गए।
इसके बाद दिल्ली कूच के लिए पलवल से निकला किसानों का जत्था अब फरीदाबाद सीकरी बॉर्डर को पार कर गया। पुलिस से बहस के बाद किसानों ने सीकरी बॉर्डर पर लगे तमाम बैरिकेड्स को हटाते हुए बॉर्डर क्रॉस कर लिया और फरीदाबाद की तरफ कदम बढ़ा दिए। किसानों का साफ कहना था कि जब तक केन्द्र सरकार किसान की बर्बादी के लिए लाए गए तीनों काले कानूनों को वापिस नहीं लेगी, तब तक वे सड़क पर डटे रहेंगे।
किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए निकला
बता दें कि 3 दिसंबर को कृषि कानूनों के विरोध में पलवल से किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए निकला था और 4 दिसंबर को फरीदाबाद सिकरी बॉर्डर पहुंचा, जहां पर फरीदाबाद पुलिस ने किसानों के जत्थे को कई घंटे रोके रखा। पुलिस द्वारा कई घंटों रोकने के बाद किसानों का सब्र जवाब दे गया और किसानों ने मिलकर पुलिस के द्वारा लगाए गए तमाम बैरिकेड को हटाते हुए फरीदाबाद की जमीन पर कदम रख दिया।
किसानों का कहना है कि वो शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे हैं और देश का कानून उनको विरोध करने का अधिकार देता है, वो पैदल चलकर दिल्ली जा सकते हैं। किसानों ने अब फरीदाबाद सीकरी बॉर्डर को क्रॉस कर लिया है और किसानों का जत्था रात को झाड़सेटली गांव में रुकेगा।
गौरतलब है कि इससे पूर्व किसान सुबह जब दिल्ली के लिए कूच करने के लिए निकले तो पुलिस ने किसानों को रोका तो किसान भी वहीं नेशनल हाईवे पर धरने पर बैठ गए थे। हालांकि पुलिस ने हाईवे पर यातायात को सुचारू रुप से चालू रखा। बताया जाता है कि किसानों के जत्थे में पलवल के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसान भी शामिल हैं, लेकिन उनको भी पुलिस द्वारा बीच रास्ते में ही रोका गया है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।