सच कहूँ/अश्वनी चावला
चंडीगढ़। बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि होने के बाद खराब हुई गेहूं की (Farmers) फसल को लेकर पंजाब के किसान अब तक मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। पंजाब के लगभग 7 से 10 फीसदी किसानों को ही अब तक मुआवजा मिला है, जबकि 90 फीसदी के लगभग किसानों को अब तक मुआवजे की राशि मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है। मुआवजे को लेकर माल विभाग के अधिकारी पंजाब के सीएम भगवंत मान के आदेशों को भी नहीं मान रहे, जिस कारण वह अपनी पुरानी धीमी चाल के साथ ही काम करने में लगे हुए हैं। सीएम मान ने 12 अप्रैल को बांटी मुआवजे की रकम के बाद कुछ किसानों को छोड़कर बड़ी संख्या में किसानों को अब तक एक रूपया भी मुआवजे का नहीं मिला है। माल विभाग के अधिकारी भी खुद मान रहे हैं कि मुआवजा दिया नहीं जा रहा है, क्योंकि इस संबंधी जरूरी रिपोर्ट ही जिलों में नहीं मिलने के चलते कार्रवाई रूकी हुई है। जिस कारण किसानों को कुछ और इंतजार करना पड़ सकता है।
जानकारी के अनुसार मार्च महीने के आखिर में पंजाब में हुई (Farmers) बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि के चलते पंजाब के किसानों की फसल का बड़े स्तर पर नुक्सान हुआ था। कई स्थानों पर फसल मुकम्मल ही 100 फीसदी खराब हो गई थी तो ज्यादा जगहों पर 25 फीसदी से लेकर 75 फीसदी तक फसल खराब थी। कृषि विभाग के सर्वे व पटवारियों की शुरूआती रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 14.57 लाख हैक्टेयर फसल खराब होने का अनुमान लगाया जा रहा था, जिसमें 75 से 100 फीसदी तक 40, 809 हैक्टेयर फसल खराब हुई थी तो 33 से 75 फीसदी तक 6.05 हैक्टेयर फसल तो वहीं 20 से 33 फीसदी तक 7.64 लाख हैक्टेयर फसल खराब होने का अनुमान लगाया गया था।
इसी अनुसार ही किसानों को मुआवजा मिलना था। बताया जा रहा है कि 75 से 100 फीसदी तक फसल के हुए नुक्सान वाले किसानों को मुआवजा लगभग जारी कर दिया गया है, जबकि 33 से 75 फीसदी व 20 से 33 फीसदी तक हुए फसल के नुक्सान का मुआवजा देना अभी शेष है। यहां हैरानी वाली बात यह है कि पंजाब में 14.57 लाख हैक्टेयर फसल के खराबे में 41 हजार हैक्टेयर के लगभग खराबे की ही अदायगी हुई है, जबकि 14 लाख हैक्टेयर फसल खराबे के मुआवजे की अदायगी अभी होनी शेष है। माल विभाग के अधिकारियों ने माना कि अभी तक सिर्फ 75 से 100 फीसदी तक का नुक्सान वाले किसानों को ही मुआवजा दिया गया है, जबकि बाकियों को फिलहाल रिपोर्ट आने का इंतजार करना होगा।
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22 जिलों में सिर्फ आई 4 जिलों की मुकम्मल रिपोर्ट| Farmers
राजस्व विभाग के अधिकारी केएपी सिन्हा ने बताया कि पंजाब के 22 जिलों में से अब तक सिर्फ 4 जिलों की ही फील्ड में रिपोर्ट आई है। जब तक मुकम्मल रिपोर्ट उनके पास नहीं आ जाती, वह मुआवजा जारी करने के बारे में आदेश कैसे जारी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को मुआवजा देने के लिए सभी नियमों अनुसार ही फैसला लिया जाएगा लेकिन पहले सभी जिलों की रिपोर्ट आ जाए।
पटवारी नहीं हैं ब्रह्म, जिनकी रिपोर्ट को आखिरी रिपोर्ट मानकर दिया जाए मुआवजा: सिन्हा| Farmers
राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने कहा कि पटवारियों की रिपोर्ट जरूर पहले आई है लेकिन पटवारी कोई ब्रह्मा नहीं हैं, जो कि उनकी रिपोर्ट को आखिरी रिपोर्ट मानकर मुआवजा दे दिया जाए। इस बार किसानों की बम्पर फसल हुई है, इसलिए पहले जे-फार्म से मिलान किया जाएगा कि पिछले साल के मुकाबले कितनी फसल इस साल किसान द्वारा बेची गई है। अगर फसल की ब्रिकी ज्यादा हुई तो पटवारी की रिपोर्ट गलत ही मानी जाएगी व मुआवजा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सारी वैरीफिकेशन नहीं हो जाती, तब तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। फसल का मुआवजा पहले से तय सरकारी माप-दंड अनुसार ही दिया जाएगा।