Mustard Farming: गेहूँ, गन्ने को छोड़कर सरसों की खेती की तरफ बढ़ रहा किसान!

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गत वर्ष की अपेक्षा 654.818 हेक्टेयर अधिक एरिया में हुई सरसों की बुवाई

यमुनानगर (लाजपतराय)। इन दिनों यमुनानगर में सरसों की लहलहाती फसल में खिले पीले फूलों से खेतों में पीली चद्दर बिछी हुई है। इस बार सरसों की फसल को लेकर किसानों का रूझान बढ़ा है, जिससे सरसों के बिजाई क्षेत्र में इजाफा देखने को मिल रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार उन्होेंने फसल चक्र अपनाते हुए गेहूँ व गन्ना की फसलों में बदलाव करते हुए सरसों की बिजाई को प्राथमिकता दी हैं। ताकि गेहूँ, गन्ना व धान की फसलों के फसल चक्र को बदलकर सरसों के बाद मूंग, मक्का व उड़द की फसलें ले सकें। वहीं गेहूं व धान की बिजाई में बढ़ते खर्च से राहत मिलने के साथ फसलों के लागत मूल्य को कम किया जा सके। वहीं कृषि विभागीय आंकड़ों की अगर बात करें तो गत वर्षों की अपेक्षा इस बार सरसों के क्षेत्र में बढौतरी हुई है। Mustard Farming

पहली बार 7 एकड़ में की सरसों की बिजाई

गांव सिलीखुर्द के किसान लोकनाथ काम्बोज ने बताया कि फसली चक्र के लिए उन्होेंने पहली बार 7 एकड़ में सरसों की बिजाई की है। आगामी दिनों में मक्का, मूंग व उड़द की फसलों का फसल चक्र बनाकर बेहतर मुनाफा कमाया जा सके। गेहूं में बिजाई खर्च भी अधिक आता है लेकिन सरसों में ये खर्च कम रहता हैं, सरसों की फसल को मार्च में समेटा जा सकता है। जबकि गेहूं के बाद अगली फसल की बिजाई के लिए सही समय नही मिल पाता, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होेंने बताया कि सरसों में पानी व खाद का खर्च बहुत कम आता है।

कम लागत में अधिक लाभ देती है सरसों की फसल: सन्नी | Mustard Farming

गांव सिलीकलां के युवा किसान सन्नी काम्बोज ने बताया कि उन्होेंने एक एकड़ में सरसों की बिजाई की है। उन्होेंने बताया कि किसानों को सरसों की फसल गेहूं के बराबर आमदनी दे रही है। सरसों की बिजाई में गेहूं की अपेक्षा कम लागत आती है, गेहूं व सरसों की फसल की लागत में करीब 8 हजार रुपए अन्तर रहता है। वहीं अब मेरी सरसों के खेत का मेंरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टेÑशन करवाए जाने के बाद खरीद भी सरकार द्वारा एसएसपी पर की जाती है। उन्होेंने बताया कि अच्छी किस्म की सरसों की पैदावार एक एकड़ में करीब 7 से 12 क्विंटल तक हो जाती है।

4120 हेक्टेयर में हुई सरसों की बिजाई

जिला उप कृषि निदेशक डॉ. अदित्य डब्बास ने बताया कि खंड कृषि कार्यालयों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार जिला में 4120 हेक्टेयर में किसानों ने सरसों की बिजाई की है। जबकि गत वर्ष सिर्फ 3465.182 हेक्टेयर में की गई थी। पिछले साल की अपेक्षा इस बार 654.818 हेक्टेयर अधिक एरिया में बिजाई हुई है। उन्होेंने बताया कि अभी सभी किसानों द्वारा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है, अभी गिरदावरी होनी है जिसके बाद सरसों के पूरे क्षेत्र का पता चल सकेगा। उन्होने बताया कि जिले में कुल 106360 हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई हो चुकी हैं, जिसमें 94910 हेक्टेयर में गेहूँ, 4120 हेक्टेयर में सरसों व 7330 हेक्टेयर में अन्य फसलों की बिजाई गई है। Mustard Farming

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