अध्यादेशों को वापिस लेने की जिद्द पर अड़े किसान, भाजपा ने 3 सांसदों की बनाई कमेटी

Farmers adamant on withdrawing ordinances

किसानों में गुस्सा। कांग्रेसी नेताओं ने किया पिपली का दौरा, लाठीचार्ज ने लिया राजनैतिक रंग

  •  किसानों ने कहा कमेटी करेगी हमसे केवल छल, सच्ची हमदर्दी है तो वापिस लिए जाएं अध्यादेश, नहीं तो जारी रहेगा आंदोलन

  •  लाठीचार्ज पर विज और धनखड़ के अलग-अलग ब्यान

देवीलाल बारना/अनिल कक्कड़/ सुनील वर्मा। कुरुक्षेत्र/चंडीगढ़\सरसा। वीरवार को कुरूक्षेत्र की पिपली अनाज मंडी में महारैली के लिए जाते किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर सरकार चहुंओर से घिर गई है। किसानों के साथ-साथ आढ़तियों, व्यापारियों, आमजन और विपक्ष ने पुलसिया कार्यवाही की घोर निंदा की है। शुक्रवार को पिपली और कुरूक्षेत्र में घायल किसानों का हाल-चाल जानने पहुंचे विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ नए आंदोलन का बिगुल फंूकने का ऐलान कर दिया।

वहीं किसानों के साथ हुई बदलसूकी के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने अपनी ही सरकार को लताड़ लगाते हुए मामले में तीन सांसदों की कमेटी गठित कर दी। पीपली में किसानों का हालचाल जानने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सरकार को किसान विरोधी करार दिया और कहा कि सरकार तुरंत तीनों अध्यादेशों को वापिस ले।

लाठीचार्ज करना गलत: ओपी धनखड़

हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओ.पी. धनखड़ ने कहा कि किसी भी विवाद का हल हमेशा ही संवाद से निकलता है, इसीलिए किसानों को संवाद के लिए आगे आना चाहिए। विवाद को सुलझाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने तीन सांसदों की एक कमेटी का गठन किया जिसमें कुरुक्षेत्र से नायब सैनी, भिवानी से धर्मवीर सिंह व हिसार से सांसद बृजेन्द्र सिंह शामिल हैं। वीरवार को हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को भी धनखड़ ने गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि परिस्थिति चाहे जैसी रही हो, लेकिन पुलिस को लाठीचार्ज नहीं करना चाहिए था।

कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ: विज

वहीं प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने गत दिवस महारैली के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर ब्यान देते हुए कहा कि किसानों पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। विज ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत मुकद्दमे दर्ज किए गए हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सड़क अवरुद्ध व जाम करने का भी केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज के कोई आदेश नहीं है।

कमेटी के नाम पर किसानों से फिर छल कर रही सरकार: चढूनी

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ओ पी धनखड़ द्वारा घोषित कमेटी केवल मात्र किसानों और आढ़तियों से एक छल है और आंदोलन को ठंडा करने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि सांसदों की ये कमेटी भोले-भोले किसानों और आढ़तियों को गुमराह करके अपनी एक रिपोर्ट बना कर पेश कर देगी जिसे सभी किसानों की राय मान लिया जाएगा, जबकि ऐसा वे नहीं होने देंगे। चढूनी ने कहा कि आने वाली 14-15 तारीख को सरकार संसद में इन तीन अध्यादेशों को कानून का रूप देने के लिए प्रस्ताव रख रही हैं। उन्होंने धनखड़ से पूछा कि वे बताएं कि चार दिनों में कमेटी क्या काम ऐसा करेगी जिससे ये अध्यादेश कानून का रूप लेने से पहले रोक दिए जाएं!

उपमुख्यमंत्री आवास का सरसा में किसानों ने किया घेराव

पिपली में बीते गुरुवार को हुए पुलिस लाठीचार्ज, खराब फसलों के मुआवजे व नौकरी से बर्खास्त किए गए पीटीआई शिक्षकों की पुन: बहाली की मांग को लेकर शुक्रवार को जिलेभर से आए किसान व अन्य संगठनों ने बरनाला रोड स्थित उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की। इससे पूर्व राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के नेतृत्व में विभिन्न किसान संगठनों ने लघुसचिवालय स्थित धरनास्थल से उपमुख्यमंत्री आवास तक रोष मार्च निकाला। उन्होंने उपमुख्यमंत्री को 24 घंटों के भीतर सरकार से समर्थन वापिस लेने, किसानों को खराब फसलों का 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिलवाने, बर्खास्त किए गए पीटीआई शिक्षकों को पुन: बहाल करने की मांग की।

जींस और टी-शर्ट में किसानों पर लाठियां भांज रहे लोग भाजपा-जजपा के प्राइवेट गुंडे: सुरजेवाला

शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला पिपली पहुंचें। यहां उन्होंने किसानों से मुलाकात की। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में खट्टर सरकार की गुंडागर्दी और पुलिस के जुल्म का नंगा नाच कुरुक्षेत्र की रणभूमि में पूरे देश ने देखा। सीधे सिर में लाठियों से वार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए। यहां तक कि जींस और टी-शर्ट में पुलिस का हेल्मेट पहने कई लोग किसानों को पीटते देखे गए। ये पुलिसकर्मी थे या भाजपा-जजपा के प्राइवेट गुंडे।

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