गांव बंद: पहले दिन देश भर में किसान आंदोलन का देखने को मिला व्यापक असर
नई दिल्ली/जयपुर/चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। किसानों का दस दिनों का ‘गांव बंद’ आंदोलन शुक्रवार से शुरू हो गया और इसका असर देशभर में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में देखने को मिला। किसानों ने विरोध स्वरूप सड़कों पर दूध बहाया और सब्जियां फेंकीं। गावों से शहर को दूध व सब्जी की आपूर्ति रोकने के लिए हरियाणा के सरसा और फतेहाबाद दोनों जिलों में शहर व कस्बों के करीबी गावों में किसान संगठनों के प्रतिनिधि व ग्रामीण मार्गों पर डेरा डालकर बैठ गए। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने कहा कि आंदोलन को गांव-बंद का नाम दिया है।
उन्होंने दावा किया कि देशभर के 130 किसान संगठन आंदोलन में शामिल हैं। मध्य प्रदेश में पहले दिन कोई उग्र घटना सामने नहीं आई, हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मंदसौर में हाई अलर्ट है। उल्लेखनीय है कि 10 जून तक चलने वाले इस आंदोलन में देश भर के 172 किसान संगठन शामिल हैं। इस आंदोलन की तीन मुख्य मांगें हैं स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू हो ताकि फसलों का वाजिब दाम मिले, किसान की संपूर्ण कर्जमाफी हो और तीसरी किसान की मासिक आय निश्चित हो।
महाराष्ट्र : कई जिलों में दूध की सप्लाई बाधित
महाराष्ट्र के सातारा, मनमाड़, अहमदनगर, पुणे, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, नासिक, जलगांव, परभणी, लातूर, नासिक और औरंगाबाद में किसानों ने प्रदर्शन किया। पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर भी किसानों ने सड़कों दूध बहा दिया। कई जगहों पर किसानों ने सब्जियां फेंककर विरोध जताया। संगठनों ने किसानों से अपील की है कि फल, सब्जी, अनाज शहरों-गांवों में खरीद-बिक्री ना करें।