किसान की पगड़ी से कोई समझौता नहीं होगा : राकेश टिकैत

जींद के कंडेला की महापंचायत में उमड़ा जनसैलाब

संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान और बलराज कुंडू भी पहुंचे

जींद (सच कहूँ/दिलबाग अहलावत)। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन के 70वें दिन कंडेला गांव के राजीव गांधी स्टेडियम में हुई महा पंचायत में किसानों के उमड़े जनसैलाब को देख गदगद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आपकी लड़ाई पूरी मजबूती के साथ लड़ी जा रही है। किसान के मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर किसी ने किसान की पगड़ी की ओर हाथ डाला तो उसका इलाज किया जाएगा। ये बात सुनते ही किसानों ने दोनों हाथ उठाकर आंदोलन में बढ़-चढ़कर मदद का भरोसा दिलाया। टिकैत ने किसानों में जोश भरते हुए नारा लगाया ‘‘जब-जब राजा डरता, किलेबंदी करता है।’

उन्होंने कहा कि कंटीली तार हम खेतों में नहीं लगाते, लेकिन दिल्ली में सरकार ने कंटीली तार और कीलें लगाकर किसानों को रोकना चाह रही है। टिकैत ने कहा कि सरकार को अगर बात करनी है तो उसे संयुक्त किसान मोर्चा की 40 सदस्यीय टीम से बात करनी होगी।

वहीं किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि आज किसान आंदोलन सारे देश में फैल गया है। जब हम मेज पर सरकार के साथ बैठे तो हम सरकार को झूठा साबित कर चुके हैं। 11 दौर की बात हो चुकी है, लेकिन सरकार राजहठ किए बैठी है। किसानों को परेशान करने के लिए सरकार ऐसे बैरीकेड लगा रही है, जो दुनिया में कहीं नहीं लगे हैं, एक तरह से धरना स्थलों को ओपन जेल में बदल दिया गया है, लेकिन किसान हार मानने वाला नहीं है और हर हाल में अपना हक लेकर ही रहेंगे। उनके साथ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य रतन सिंह मान, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, रामफल कंडेला और चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान और महम से विधायक बलराज कुंडू भी पहुंचे।

भीड़ के चलते टूटा मंच

किसानों के जोश के सामने सात एकड़ में बना स्टेडियम छोटा पड़ गया और सड़क पर भी लंबा जाम लग गया। जैसे ही अपने संबोधन के लिए राकेश टिकैत मंच की ओर बढ़े तो भारी भीड़ के चलते मंच टूट गया। इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने हंसते हुए कहा कि मंच तो भाग्यवानों के टूटते हैं। अपने जोश को ऐसे ही बनाए रखना। महापंचायत की अध्यक्षता कंडेला खाप के प्रधान एवं सर्वजातीय खाप के संयोजक टेकराम कंडेला ने की। महापंचायत की शुरूआत स्थानीय खाप प्रतिनिधियों के संबोधन के साथ हुई। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानून रद्द करने होंगे और एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाना होगा।

कंडेला खाप के प्रधान टेकराम कंडेला ने महापंचायत में पाँच प्रस्ताव रखे, जिसमें 1. तीनों कानून वापिस किए जाएं, 2. एमएसपी पर कानून बने, 3. किसानों के कर्जे माफ हों, 4. बिजली के बिल माफ हों, 5. किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमें वापिस हों और ट्रैक्टर छोड़े जाएं। इस पर किसानों ने हाथ उठाकर इसका समर्थन किया।

2 हजार वालंटियर ने संभाली व्यवस्था

वहीं किसान संगठन के एक पदाधिकारी ने बताया कि महापंचायत के मद्देनजर ट्रैफिक-पार्किंग, खाने की जिम्मेदारी 2 हजार वॉलंटियर को सौंपी गई थी। यहां प्रदेश के तपा, बारहा, खापों के प्रतिनिधियों सहित हजारों किसान पहुंचे हैं।

50 हजार लोगों के लिए बना खाना

इतना ही नहीं, यहां 50 हजार लोगों के लिए पकवान बनाए गए थे। खाद्य सामग्री तैयार करने वाली महिलाओं ने बताया कि किसान भाइयों के लिए यहां चाय, पकोड़े, बाजरे की रोटी, सरसो का साग, आलू, मटर की सब्जी तैयार की गई है। दूध, दही, लस्सी गांव से मंगवाई गई। खाने का आयोजन कंडेला खाप के चबूतरे पर किया गया।

बता दें कि कंडेला में 2002 में गोलीकांड के दौरान 9 किसानों की मौत हो गई थी। तब यहां बड़ा आंदोलन हुआ था।

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