पिछले तीन सालों दौरान धान की सीधी बिजाई के आए सार्थक नतीजे: करनवीर सिंह
पटियाला(सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर)। पटियाला जिले के ब्लाकॅ नाभा के गाँव बौड़ां कलां का पढ़ा-लिखा प्रगतिशील किसान करनवीर सिंह जो कि कद्दू कर धान की फसल लगाने वाली परंपरा को तोड़कर लंबे समय से अपने खेतों में धान की सीधी बिजाई कर दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन रहा है। धान की सीधी बिजाई के तजुर्बे सांझे करते करनवीर सिंह ने बताया कि पंजाब में पारंपरिक तरीके से धान की काश्त करने से जहां पानी का स्तर नीचे जा रहा है और हर साल बोर, ट्यूबवैल गहरे हो रहे हैं और वहीं ही किसानों पर यह अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ जहां धान की सीधी बिजाई की विधि अपनाकर पानी की बहुत बचत होती है और साथ ही लेबर और समय की भी बचत होती है।
करनवीर सिंह के बताया कि उसने कृषि और किसान भलाई विभाग के सहयोग से पिछले तीन सालों से अपने 15 एकड़ खेतों में धान की सीधी बिजाई की है। इस विधि के साथ से जहां पानी की बचत होती है , वहीं धान को बीमारियों और कीड़े -मकौड़ों के हमले से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीधी बिजाई करने से उत्पादन में भी विस्तार हुआ है और उत्पादन 32 क्विंटल से अधिक प्रति एकड़ प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि कद्दू करके धान की फसल लगाने से जहां जमीन की पानी ग्रहण करने की क्षमता खत्म होती है, वहीं ही आगे वाली फसल गेहूँ को भी नुक्सान होता है। इस मौके मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. यशवंत राय ने कहा कि किसान धान की पारंपरिक कद्दू वाली बिजाई की जगह सीधी बिजाई की तकनीक अपनाकर मुख्य मंत्री भगवंत मान की ओर से ऐलानी प्रति एकड़ 1500 रुपए की सहायता राशि प्राप्त करें।
उन्होेंने कहा कि पंजाब सरकार ने सीधी बिजाई की तकनीक से धान की लगवाई की शुरूआत 20 मई, 2022 से करने की छूट भी दी है। उन्होंने बताया कि जिले में 65000 हेक्टेयर क्षेत्रफल को धान की सीधी बिजाई तकनीक नीचे लाने के लिए जुगतबंदी की जा रही है। उन्होंने किसानों को सीधी बिजवाई करने की अपील करते कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए किसान कद्दू कर धान की फसल लगाने की पारपंरिक तकनीक को छोड़कर विशेषज्ञों द्वारा सुझायी नयी तकनीक का प्रयोग को प्राथमिकता दें।
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