लोग बड़े चाव से खरीदते हैं ऑर्गेनिक हल्दी
ओढां, राजू। परंपरागत खेती के साथ-साथ किसान अगर कुछ नया अपनाए तो मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इसका एक उदाहरण सरसा जिले के गाँव नागोकी में किसान जसवीर सिंह के रूप में देखा जा सकता है। उक्त किसान ने परंपरागत खेती के साथ-साथ कुछ हटकर खेती करते हुए मोटा मुनाफा कमाकर ये साबित कर दिया कि अगर खेती में मुनाफा कमाना है तो कुछ नया प्रयोग जरूर करना होगा। किसान जसवीर सिंह सिधू (Cultivating Turmeric) से सच-कहूँ संवाददाता राजू ओढां ने विशेष बातचीत की।
किसान जसवीर सिंह ने बताया कि वह भी अन्य लोगों की तरह ही परंपरागत खेती करता रहा है। लेकिन उसके मन में शुरू से ही ये इच्छा थी कि खेती में क्यों न कुछ नया किया जाए। जिसके बाद उसे करंडी निवासी एक व्यक्ति से हल्दी (Cultivating Turmeric) बोने की प्रेरणा मिली। जसवीर ने बताया कि उसने करंडी जाकर जब उक्त किसान की फसल देखी तो उसके मन में भी हल्दी बोने का विचार उत्पन्न हो गया।
शुरू में तो परिजनों ने उसे कहा कि अपने क्षेत्र में कौन सी हल्दी होनी है, लेकिन उसने शुरूआती दौर मेंं ही एक एकड़ में ऑर्गेनिक हल्दी (Cultivating Turmeric) बो दी। उक्त जगह में उसका करीब 70 हजार रुपये का खर्च आया। उसकी ये फसल 40 क्विंटल हुई। दूसरी बार उसने 4 एकड़ में फसल बोई जिसका सवा सौ क्विंटल का उत्पादन हुआ। इस समय जसवीर ने करीब 150 क्विंटल हल्दी का भंडारण किया हुआ है।
मेहनत तो अधिक है पर आमदन भी अच्छी है
जसवीर सिंह कहते हैं कि अन्य फसलों के मुकाबले हल्दी के उत्पादन में मेहनत अधिक लगती है। हालांकि बीज काफी महंगा है, लेकिन आमदन भी काफी अच्छी है। क्योंकि साबुत हल्दी का रेट 200 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है। जसवीर सिंह के मुताबिक उक्त खेती उसने ऑर्गेनिक ढंग से बिना रसायनों के उपयोग से की है। उक्त फसल में फंगस की शिकायत कुछ ज्यादा रहती है। इसलिए उसने घर पर ही देसी तकनीक से गौ मूत्र, नीम के पत्ते व कुछ अन्य चीजों का उपयोग कर दवा तैयार की है।
जसवीर ने बताया कि हल्दी की बिजाई (Cultivating Turmeric) अप्रैल माह में होती है और जनवरी माह में तैयार हो जाती है। जसवीर ने हल्दी का भंडारण कर रखा है। आसपास के लोग व दुकानदार भी उनके यहां से हल्दी खरीदकर ले जाते हैं। क्योंकि यह शुद्ध एवं ऑर्गेनिक है। इसके अलावा कुछ लोग साबुत हल्दी का अचार भी डालना पसंद करते हैं। आयुर्वेद में हल्दी को एक बड़ा एंटीबायोटिक बताया गया है। हल्दी कई भयानक रोगों में भी रामबाण का कार्य करती है।
पहले भी कर चुका है कुछ हटकर खेती
किसान जसवीर सिंह खेती को लेकर कुछ न कुछ नया प्रयोग करते रहते हैं। इससे पहले जसवीर ऑर्गेनिक बाजरा व सुरजमुखी की खेती भी कर चुका है। उन्होंने कहा कि किसान चाहे परंपरागत ढंग से खेती करें, लेकिन साथ-साथ कुछ नया जरूर करें। इससे न केवल किसान की आर्थिक दशा में सुधार होगा बल्कि कुछ नया सीखने को मिलेगा। जसवीर सिंह का आधुनिक ढंग से खेती ये नजरिया अब अन्य किसानों को भी आकर्षित कर रहा है।
अब हल्दी की खेती (Cultivating Turmeric) के बारे में किसान उनसे जानकारी लेने भी पहुंच रहे हैं। किसान जसवीर सिंह का कहना है कि अगर किसान खेती में नए प्रयोगों पर भी फोकस करें तो एक तरफ जहां उनका ज्ञान बढ़ेगा, साथ ही उन्हें अपनी कमियों का भी पता चलेगा।
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