सरसा (सच-कहूँ न्यूज)। जिले के गांव खारीसुरेरां निवासी बलविंद्र सिहाग ने शनिवार को कर्ज से परेशान होकर जहर पीकर आत्महत्या कर ली। घटना से पूरे प्रशासन की नींद उड़ गई।
मामले की सूचना मिलते ही प्रशासनिक तंत्र हरकत में आया और नागरिक अस्पताल पहुंच गया। बताया जा रहा है कि मृतक किसान पिछले 10 दिनों से यहां लघु सचिवालय में चल रहे किसानों के धरने पर आ रहा था।
जानकारी के अनुसार 28 वर्षीय किसान गांव खारीसुरेरां का रहने वाला बलविंद्र सिहाग पिछले काफी समय से कर्ज को लेकर परेशान था। हालत ये थी कि वह अपने बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं भर पा रहा था।
इसी के चलते शनिवार को उसने अपने खेतों में जाकर कीटनाशक पी लिया, जिसके बाद उसे सरसा के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। फिर उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए सरसा के नागरिक अस्पताल लाया गया।
मौके पर पहुंचे किसान नेता विकल पचार ने प्रशासन व सरकार से मृतक किसान के परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।
मृतक बलविंद्र के चाचा दलबीर ने बताया कि कुछ समय पहले उसे घर से अलग कर दिया गया था। उसके पिता के कुल 25 लाख में से आधा कर्जा उसके हिस्से में आया था, जिसे वो चुका नहीं पाया और उसी मानसिक दबाव में वह आत्महत्या कर गया।
परिजनों और किसानों ने काटा बवाल
अस्पताल परिसर में मृतक किसान के परिजनों व किसान नेताओं ने जमकर बवाल काटा और मृतक किसान के परिजनों की आर्थिक सहायता किए जाने की पुरजोर मांग रखी।
इस पर सरसा के एसडीएम बिजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारियों ने किसान नेताओं को आश्वस्त किया कि वे बच्चों की शिक्षा का प्रशासन की ओर से प्रबंध कराएंगे व विधवा की पेंशन आरंभ कराई जाएगी। शेष मृतक परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को सरकार के पास भिजवाया जाएगा।
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