नहर किनारे मिले दोनों के कपड़े व मोबाइल फोन
- परिजनों ने रुपयों के लेनदेन के विवाद को लेकर जताई नहर में कूदकर आत्महत्या करने की आशंका
हनुमानगढ़। टाउन थाना क्षेत्र के गांव किशनपुरा दिखनादा निवासी अधेड़ उम्र का किसान पंजाब के अबोहर क्षेत्र निवासी अपने साले के साथ करीब पांच दिनों से लापता है। दोनों के कपड़े व मोबाइल फोन गांव लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर के किनारे मिले थे। परिजनों ने दोनों के नहर में कूदकर आत्महत्या करने की आशंका जताई है। शनिवार को टाउन पुलिस थाना पहुंचे परिजनों व ग्रामीणों ने रुपयों के लेनदेन के विवाद को लेकर दो जनों पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई करने की गुहार लगाई। गांव किशनपुरा दिखनादा निवासी सरजीत कुमार पुत्र रामजीलाल कुम्हार ने बताया कि उसका भाई बलराम (46) व भाई बलराम का साला मंगतूराम (35) पुत्र ताराचन्द कुम्हार निवासी गांव ढाबां, अबोहर, पंजाब पांच दिनों से लापता हैं।
उसके भाई बलराम व साले मंगतूराम का बाबूसिंह पुत्र प्रतापसिंह व जगतार सिंह पुत्र मलकीत सिंह से करीब 17 लाख रुपयों के लेनदेन का विवाद चल रहा है। उसके भाई की जमीन भारत माला परियोजना के तहत बन रही सड़क में आ गई थी। सरकार की ओर से अवाप्त की गई भूमि से मिले रुपयों से उसके भाई बलराम ने बाबूसिंह व जगतार सिंह से जमीन खरीद की थी। इन लोगों को उसके भाई ने इकरारनामा के समय 17 लाख रुपए दिए थे। शेष रुपए बाद में रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ। लेकिन बाबूसिंह व जगतार सिंह ने उसके भाई को बेची जमीन का इकरारनामा किसी और के नाम कर धोखाधड़ी कर ली। इसके चलते उसका भाई परेशान रहने लगा। उसे डराया-धमकाया गया कि उसे 17 लाख रुपए वापस नहीं मिलेंगे।
इसी से दुष्प्रेरित होकर उसका भाई बलराम व उसका साला मंगतूराम 19 दिसम्बर को शाम के समय करीब चार बजे घर से मोटर साइकिल लेकर खेत जाने का कहकर गए। इसके बाद उन दोनों से सम्पर्क नहीं हो गया। उसी दिन उसके भाई व उसके साले के कपड़े व मोबाइल फोन लखूवाली हेड के पास इंदिरा गांधी नहर के किनारे पड़े मिले। सरजीत कुमार ने कहा कि उन्हें आशंका है कि उसके भाई व साले ने दुष्प्रेरित होकर नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली। गांव के सुरेन्द्र शर्मा ने आरोप लगाया कि आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाले राजनीतिक प्रभावशाली लोग हैं। उनकी मांग है कि लापता दोनों जनों का पता लगाया जाए। अगर वे नहर में कूदे हैं तो नहर में गोताखारों को उतार उनके शव ढूंढे जाएं। साथ ही आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कार्रवाई नहीं हुई तो मेगा हाइवे पर चक्काजाम करने व पुलिस थाना के समक्ष धरना लगाने को मजबूर होना पड़ेगा।
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