किसान : Poem

करके मेहनत कड़ी किसान,
देता सबको रोटी दान।
गरमी-सरदी से कब डरता,
खेतों में रखवाली करता।
आँधी, वर्षा या तूफ़ान,
निडर जुटा है सीना तान।
मेहनत करना हमें सिखाए,
सच्चाई की राह दिखाए।
रहता उजले-उजले मन का,
सच्चा सेवक यही वतन का।
नरेन्द्र अत्री ‘संतोषी’ जीन्द

 

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