डेढ़ माह में 1207 कोरोना मरीजों का हुआ दाह संस्कार
राजेन्द्र दहिया फरीदाबाद। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देशभर में इस तरह कोहराम मचाया हुआ है कि हर राज्य जिले में त्राहिमाम मचा हुआ है। अगर बात करें फरीदाबाद की तो यहां भी कोरोना वायरस ने 25 लाख से अधिक आबादी वाले इस औद्योगिक जिले में तबाही मचाई हुई है।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों से खेलना पड़ रहा है। जी हां यह हम नहीं कह रहे, इस बात को स्पष्ट करता है नगर निगम का रजिस्टर, जिसमें मौत का आंकड़ा कुछ और है और सरकार द्वारा दिखाई गई हकीकत कुछ और। फरीदाबाद की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए और असल आंकड़ों को उजागर करने के लिए जब हमने नगर निगम के अधिकारियों से बात की और उनको जांचा तो पता चला कि सरकारी आंकड़ों से करीब 6 गुना अधिक मौत हुई है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर की पीक में पिछले 3 महीने में 1207 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 777 फरीदाबाद के और 219 लोग दिल्ली एनसीआर और यूपी के जिलों के बताए जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि नगर निगम के आंकड़े बता रहे हैं कि 16 मई तक कोविड-19 गाइडलाइन के तहत इन सभी का दाह संस्कार भी हो चुका है, लेकिन यह आंकड़े फरीदाबाद के सरकारी आंकड़ों में कहीं छुप गए हैं या फिर यूं कहें की आम नागरिक को पर्दे में रखा जा रहा है।
नगर निगम के 13 कर्मचारियों की टीम बिना किसी छुट्टी के शवों का संस्कार करने में जुटी हुई है। जब हमने नगर निगम का दौरा किया तो वहां के अधिकारी ने हमें बताया कि अप्रैल के महीने में इन नगर निगम कर्मचारियों के कई दिन ऐसे भी गुजर गए, जिसमें उन्हें न तो भोजन नसीब हुआ और न ही छुट्टी।
टीम 13 के सदस्यों का कहना है कि हर कोई गाइडलाइन के तहत दस्ताने पहनकर शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। सुरक्षा के सभी उपाय करने के कारण ऊपर वाले की मेहरबानी से अब तक कोई भी सदस्य संक्रमित नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के लिए 27 और 28 अप्रैल सबसे खतरनाक दिन रहा इन 2 दिनों में जितनी मौतें हुई, उतनी कभी नहीं हुई।
नगर निगम आंकड़ों के अनुसार एक से 30 अप्रैल तक 611 शवों का संस्कार किया गया। इनमें 400 फरीदाबाद और 211 दिल्ली एनसीआर और यूपी के पड़ोसी जिलों के थे। एक से 16 मई तक 596 शवों का अंतिम संस्कार कराया गया। इनमें 377 फरीदाबाद व 219 शव बाहरी जिलों के थे। डेढ़ महीने में फरीदाबाद के 777 लोगों की मौत हुई जबकि 430 लोग बाहरी जिलों के थे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 30 मार्च से 30 अप्रैल तक कुल 85 मौतें हुई, जबकि एक मई से 16 मई तक 128। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में कुल 994 का अंतर है। यानि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से छह गुना अधिक की मौत हुई।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।