नहीं रहे मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन
Zakir Hussain Death: नई दिल्ली (एजेंसी)। ‘वाह ताज’…शानदार अंदाज और तबले पर कमाल की धुन देने वाले ‘उस्ताद’ जाकिर हुसैन हर एक अंदाज में कमाल के थे। उन्होंने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया हो मगर वह अपने इसी अंदाज के साथ प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगे। देश के इस महान तबला वादक ने 73 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। ‘उस्ताद’ खतरनाक फेफड़े की बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। उनका सैन फ्रांसिस्को में इलाज चल रहा था। जाकिर हुसैन के हिस्से में ढेरों उपलब्धियां रहीं। Zakir Hussain
हुसैन सबसे कम उम्र में पद्मश्री (37) अपने नाम करने वाली शख्सियत में से एक थे। बताते हैं कि पंडित रविशंकर ने जाकिर हुसैन को सबसे पहले ‘उस्ताद’ कहकर पुकारा था और फिर ये सिलसिला कभी रुका नहीं और वह जाकिर हुसैन से उस्ताद जाकिर हुसैन बन गए। बता दें कि पंडित शिवकुमार शर्मा के बेटे राहुल शर्मा के साथ कॉन्सर्ट में गए जाकिर हुसैन को अमेरिका के ओहियो शहर में लगभग दो महीने पहले हार्ट अटैक आया था। बाद में उन्हें ओहियो से सैन फ्रांसिस्को ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। Zakir Hussain News
5 रुपये से 5 लाख तक का सफर | Zakir Hussain
दिवंगत उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुई थी और उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा मशहूर तबला वादक थे। उन्होंने अपने स्कूलिंग मुंबई के ही सेंट माइकल हाई स्कूल से की और फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएट हुए। पिता से उन्होंने बचपन से ही तबला वादन के गुर सीखे और पढ़ाई पूरी होने से पहले ही कंसर्ट करने लगे। जाकिर हुसैन जब 12 वर्ष के थे तो वे अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में गए थे। वहां कन्सर्ट में पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शांता प्रसाद और पंडित किशन महाराज जैसे संगीत की दुनिया के दिग्गज मौजूद थे।
जाकिर हुसैन अपने पिता के साथ स्टेज पर गए। परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद जाकिर को 5 रुपए मिले थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि मैंने अपने जीवन में बहुत पैसे कमाए, लेकिन वे 5 रुपए सबसे कीमती थे। रिपोर्ट्स की मानें तो वे दुनियाभर में इतना मशहूर हुए कि उनके एक कंसर्ट की फीस 5-10 लाख रुपये तक पहुंच गई। उन्होंने 5 ग्रैमी अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे। इसके अलावा 1988 में उन्हें पद्म श्री और 2002 में पद्म भूषण, फिर बीते साल 2023 में ही उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया था।
एक्टिंग में भी आजमाई किस्मत | Zakir Hussain
जाकिर हुसैन ने अभिनय में भी खुद को आजमाया था। 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से अभिनय में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी, जिसमें उन्होंने एक मकान मालिक का किरदार निभाया था। फिल्म ‘साज’ में जाकिर हुसैन ने शबाना आजमी के साथ काम किया था। फिल्म 1998 में रिलीज हुई थी। जाकिर हुसैन ने ‘बावर्ची’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘हीर-रांझा’ जैसी फिल्मों के संगीत में भी अपना जादू चलाया था। उस्ताद हुसैन ने इसी साल रिलीज देव पटेल की फिल्म ‘मंकी मैन’ में भी काम किया था। फिल्म में जाकिर हुसैन ने एक तबला वादक का रोल निभाया था।
परिवार में कौन-कौन?
दिवंगत तबला वादक जाकिर हुसैन के परिवार में उनके बाद पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी इतालवी-अमेरिकी हैं और डांसर भी हैं। इसके अलावा एक टीचर और मैनेजर भी रही हैं। जाकिर और एंटोनिया की दो बेटियां अनीसा कुरेशी और इसाबेला कुरेशी हैं। उनकी पत्नी मशहूर दिवंगत सितारा देवी की शिष्या थी और उन्हीं से डांस की कला सीखी थी।
करोड़ों की संपत्ति पीछे छोड़ गए उस्ताद | Zakir Hussain
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाकिर हुसैन की अनुमानित नेटवर्थ करीब 1 मिलियन डॉलर बताई जाती है और भारतीय रुपयों में इसकी गणना करें, तो ये 8.48 करोड़ रुपये होती है। उनकी कमाई तबला वादन के कंसर्ट के साथ ही अन्य जरियों से भी होती थी। बता दें कि उन्होंने 22 साल की उम्र में साल 1973 में अपनी पहली एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च की थी, जो काफी मशहूर हुई थी।