नथाना (गुरजीवन सिद्धू)। यूनाईटेड ड्राईवर यूनियन पंजाब की भटिंडा इकाई के अध्यक्ष हरबंस सिंह गिल, उपाध्यक्ष निर्भय सिंह व अन्य पदाधिकारियों ने दर्जनों टैक्सी चालकों को साथ लेकर आज नथाना के बस स्टैंड के पास अन-अधिकारित तौर पर सवारियों की ढोआ-ढोआई कर रही गाड़ियों (जिनमें छोटा हाथी, पिकअप, वैन व स्कूल बसें शामिल हैं) को संकेतक तौर पर रोक कर अपना रोष जाहिर किया और सरकार से मांग की कि ऐसे अन-अधिकारित वाहनों को सवारियों की ढोआ-ढोआई पर तुरंत पाबंदी लगाई जाए।
यूनियन नेताओं ने कहा कि वह सरकार द्वारा निर्धारित फीस भर कर अपनी गाड़ियों को टैक्सी के तौर पर चला कर अपना रोजगार चला रहे हैं, किन्तु सामान लोडिंग व अन्य उद्देश्यों के लिए मनजूर वाहन सवारियों को एक जगह से दूसरी जगह पर लिजा कर उनके रोजगार को धक्का लगा रहे हैं। ऐसा होने से सरकारी खजाने को भी करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है।
न्यू दशमेश टैक्सी यूनियन के फर्जीवाड़े की जांच करवाई जाए: गिल
यूनियन नेताओं ने लिख्ती रूप में जिला प्रशासन को अवगत करवाया है कि भुच्चो मंडी निवासी जीवन गर्ग न्यू दशमेश टैक्सी यूनियन के नाम पर ड्राईवरों को महीनावर ट्रैफिक पुलिस के चालान से बचने के लिए फर्जी मैंबरशिप विजटिंग कार्ड बेचता है, जबकि ऐसी यूनियन का कोई वजूद ही नहीं है और ना ही जीवन गर्ग के पास कोई टैक्सी गाड़ी है।
यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि उक्त व्यक्ति 500 रुपये प्रति विजटिंग कार्ड बेच कर दावा करता है कि इस कार्ड को दिखाए जाने पर भटिंडा के अतिरिक्त मुक्तसर, फरीदकोट, तरनतारन, मानसा, बरनाला, संगरूर, मोगा आदि जिलों में कोई ट्रैफिक इंचार्ज उनका चालान नहीं करेगा।
कई जिलों की ट्रैफिक पुलिस से बचाता है यह कार्ड
यूनियन नेताओं ने एक छोटा हाथी चालक के पास से ऐसा ही एक कार्ड बरामद भी किया है, जिस पर जिले का नाम, गाड़ी नंबर व कार्ड जारी कर्ता के हस्ताक्षर व मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं। यूनियन नेताओं ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह से मांग की है कि गत 10 वर्षों से चल रहे इस फर्जीवाड़े की उच्च स्तरीय जांच करके कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस मौके दविन्द्र सिंह रंधावा सचिव पंजाब इकाई, सुखपाल सिंह रोमाणा, अमनदीप सिंह, धर्मपाल सिंह, अर्षदीप, गोरा लाल, अवतार आदि नेता उपस्थित थे।
कोई नई बात नहीं: गर्ग
जब इस संबंधी कार्ड बेचने के आरोपों में घिरे जीवन गर्ग से संपर्क किया गया तो उन्होंने पूरे आत्म विश्वास से कहा कि कोई नई बात नहीं है। सभी ड्राईवर उनसे विजटिंग कार्ड लेकर जाते हैं। जब उन्हें पुछा गया कि ट्रैफिक चालान से बचने के लिए ऐसे कार्ड देने का अधिकार उन्हें किसने दिया तो वह कोई जवाब ना दे सके। इसके अतिरिक्त अन्य सवालों के भी उन्होंने गोलमोल जवाब देकर फोन काट दिया।
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