वाहन पंजीयन में फर्जीवाड़ा मामला: सीएम फ्लाइंग ने अफसरों और दलालों पर दर्ज कराई एफआईआर

Fake Case in vehicle registration: CM Flying lodged an FIR against officers and brokers

(CM Flying lodged an FIR against officers and brokers)

गुरुग्राम/सच कहूँ/संजय मेहरा। फरीदाबाद के मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने वाहन पंजीयन अथॉरिटी नॉर्थ गुरुग्राम में वाहन मालिक व दलालों के साथ कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर थाना शिवाजी नगर गुरुग्राम में मुकदमा दर्ज कराया है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के डीएसपी देवेंद्र कुमार की टीम में निरीक्षक जगदीश, एसई राजेंद्र कुमार व सतबीर सिंह शामिल रहे। गौरतलब है कि अप्रैल महीने में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता हरियाणा की फरीदाबाद टीम द्वारा वाहन पंजीकरण कार्यालय, बल्लबगढ़ में कमर्शियल वाहन रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी पकड़ी थी, जिस संबंध में दो अलग-अलग अभियोग दर्ज कराए गए थे। इसी क्रम में डीएसपी देवेंद्र कुमार की टीम ने गुरुग्राम के थाना शिवाजी नगर में अभियोग अंकित कराया है।
ज्ञात हुआ कि वाहन मालिकों व दलालों द्वारा वाहन पंजीयन अथॉरिटी नॉर्थ गुडगांव कार्यालय के कर्मचारी अधिकारियों व अन्य व्यक्तियों द्वारा मिलीभगत करके कॉमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन करने में फर्जी तरीके से गाड़ी की इनवॉइस तैयार की गई, जिसमें वाहन की असल कीमत से कम कीमत के फर्जी बिल बनाकर फर्जी तरीके से वाहन पंजीयन कार्यालय गुरुग्राम नॉर्थ में वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा लिया गया। पड़ताल करने पर कम्पनी ने अवगत कराया है कि इस प्रकार के वाहन की कीमत इन दस्तावेजों में दिखाई गई कीमत से ज्यादा है। इस प्रकार सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने पर दलाल व अन्य व्यक्तियों तथा वाहन पंजीयन कार्यालय गुरुग्राम नॉर्थ के कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आने पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता फरीदाबाद टीम द्वारा थाना शिवाजी नगर गुरुग्राम में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अनुसंधान के दौरान काफी बड़ा घोटाला उजागर होने की सम्भावना है। डीएसपी देवेंद्र कुमार की टीम में निरीक्षक जगदीश, एससई राजेंद्र कुमार व सतबीर सिंह शामिल रहे।

एसडीएम ने इस पर बात करने से किया इंकार

इस बारे में जब गुरुग्राम नॉर्थ के वाहन पंजीकरण अधिकारी एवं एसडीएम जितेंद्र कुमार का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने इस पर कुछ  बोलने से इंकार कर दिया। उनसे कहा गया कि ऑफिशियल उनका इस छापेमारी पर क्या कहना है तो वे बोले कि इसमें ऑफिशियल कुछ नहीं होता। इस बारे में कोई जानकारी चाहिए तो डीपीआरओ से बात कर लें।

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